हडको ने पहले चरण के लिए 1530.64 करोड़ रु0 की वित्तीय सहायता स्वीकृत की

लखनऊ:आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। लगभग 13 हजार 845 करोड़ रुपए की लागत वाली आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए हडको ने पहले चरण में 1530.64 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता स्वीकृत कर दी है। हडको के रीजनल चीफ अरुण कुमार ने आज यहां उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वेज इण्डिस्ट्रियल डेवलेपमेन्ट अथाॅरिटी (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नवनीत सहगल को इस आशय का स्वीकृति पत्र सौंपा।

मीडिया सेण्टर में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए श्री सहगल ने बताया कि परियोजना को त्वरित गति से क्रियान्वित कराया जा रहा है। अब तक लगभग 35 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुका है। यूपीडा द्वारा परियोजना हेतु लगभग 99.43 प्रतिशत (347.90 हेक्टेयर) भूमि की व्यवस्था/अधिग्रहण किया जा चुका है। जिस प्रकार किसानों के सहयोग व सहमति से परियोजना के लिए भूमि की व्यवस्था की गई, यह एक मिसाल है, जिसकी चर्चा देश के तमाम राज्यों में हो रही है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीडा ने बताया कि देश के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे का निर्माण ग्रीन फील्ड परियोजना के रूप में किया जा रहा है। 302 कि0मी0 लम्बाई वाला यह 6 लेन एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजधानी व प्रदेश की राजधानी को सीधे लिंक करेगा तथा मध्य एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजधानी से सीधे जुड़ जाएगा। राज्य सरकार के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि इसके माध्यम से सामाजिक और आर्थिक प्रगति होगी। 

प्रदेश के अनेक जिले जैसे-आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव, हरदोई एवं लखनऊ एक-दूसरे से तीव्रगामी सड़क यातायात से जुड़ जाएंगे और इन जिलों के तमाम गांव इससे लाभान्वित होंगे। किसानों के लिए यह परियोजना बेहद उपयोगी साबित होगी, क्योंकि एक्सप्रेस-वे के किनारे अनाज, दूध, आलू और फल-सब्जी की बड़ी मण्डियां स्थापित की जाएंगी, जिससे उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर और बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। इस एक्सप्रेस-वे से उद्योग, व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 

इस अवसर पर यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशुतोष निरंजन भी मौजूद थे।