लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बदायूं, बरेली और बहराइच में जननी सुरक्षा योजना में हुआ घोटाला सपा सरकार में कोई नई बात नहीं है। कागजों पर साठ साल से ऊपर की महिलाओं को प्रसव, 10 माह में पांच पर प्रसव कराने जैसे मामले स्वास्थ्य विभाग में बिल्कुल संभव हैं।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार के राज में भी भ्रष्टाचार की वही परिपाटी चली आ रही है जो इससे पहले बसपा सरकार में शुरू हुई थी। भ्रष्टाचार लगातार जारी है। डॉक्टर, अधिकारी और नेताओं का गठजोड़ केंद्र द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए भेजे जा रहे धन को लूटने में लगा है। सपा सरकार में अस्पतालों की सुविधाएं पूरी तरह से बैठ गई हैं। विभाग का सारा ध्यान कमीशनखोरी के चक्कर में नई मशीनों और भवनों के निर्माण में है लेकिन मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं लगातार गिरती जा रही हैं। हर अस्पताल में मशीनें बंद पड़ी हैं। जो काम भी कर रही हैं वे भी देखरेख के अभाव में विश्वसनीय नहीं रह गई हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार अस्पतालों में निःशुल्क दवा बांटने का दावा कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि जुकाम, बुखार को छोडकर गंभीर मर्ज की कोई भी कारगर दवा सरकारी अस्पतालों से मरीजों को नहीं मिल रही है। अस्पतालों में सुविधाओं के उच्चीकरण के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन ये सुविधाएं किनकों मिल रहीं है? किसी को मालूम नहीं। अखिर क्या वजह है कि सुविधाओं को उच्चीकृत करने के एवज में हर वर्ष करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने वाले सेहत महकमे में बड़े नेता और अफसर इलाज कराना खतरे से खाली नहीं समझते हैं? सरकार बताए कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कितने कैबिनेट मंत्री अपना इलाज या जांच करवाने पिछले तीन वर्षों में सरकारी अस्पताल पहुंचे हैं? 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अपने करीबी मंत्री के विभाग में फैले भ्रष्टाचार से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी पूरी तरह वाकिफ हैं, इसीलिए उन्होंने अपने साधारण से बुखार का इलाज कराने के लिए भी सरकारी अस्पताल को नहीं चुना और कई गुना ज्यादा पैसा खर्च कर गुडगांव के एक महंगे निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे। जो स्वास्थ्य विभाग एक बड़े नेता का साधारण से बुखार का इलाज नहीं कर सकता उसकी कार्यप्रणाली की जांच होनी चाहिए। आखिर कहां कमी है। क्यों बड़े अफसर और नेता सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं आते। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि बसपा सरकार में हुआ एनआरएचएम घोटाले की जांच भले ही सीबीआई कर रही है लेकिन सपा सरकार में भी स्वास्थ्य विभाग में इससे छोटा घोटाला नहीं हुआ है। ऐसे ही घोटाले पर पर्दा डालने के लिए पिछले महीने स्वास्थ्य निदेशालय के डी-फोर सेक्सन में महत्वपूर्ण फाइलें जलाई गई थी। स्वास्थ्य विभाग में पिछले तीन वर्षों में खर्च हुए बजट की निष्पक्ष एजेंसी से जांच होने पर एक बड़े घोटाले से पर्दा हटाया जा सकेगा।