लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुलहक मलिक व राष्ट्रीय महासचिव शिव  नारायण कुशवाहा  ने कहा है कि सैकड़ों वर्षों  से पिछड़ों दलितों मुस्लिमों ईसाइयों अदिवासियों के साथ नाइंसाफी ही नहीं हो रही है, उनका खुलेआम कत्लेआम महिलाओं के साथ बलात्कार गांवों में नंगा करके घूमाना उनकी जमीनों पर कब्ज़ा दंगा के नाम पर कत्लेआम इलाके के इलाके जलवाना उनकी सम्पत्तियों को खुलेआम लूटवाना। यह बात देश में आम बात हो चुकी है और इसे रोकने के लिए केन्द्र व राज्य पूरी मद्द करती रहती है। दोषियों को बचाने के लिए आयोग कमेटियां न्यायालय का सहारा लेकर इन ताकतों को सैकड़ों वर्षों  से बचा रही है। देश  में घटित इन तमाम घटनाओं पर सदैव परदा डालने का काम सरकारें करती रही हैं। अब इन घटनाओं को रोकने के लिए देश  के कई संगठन खड़े हो रहे है। इन तमाम घटनाओं को रोकेंगे ही नहीं ऐसे लोगों के चेहरे भी बेनकाब किया जाएगा।व सजा दिलाने का भी प्रयास करेंगे। देश का वंचित समाज सरकारों से उम्मीद छोड़ चुका है। ऐसी भी ताकते है जो देश  में खुलेआम हथियारों को लेकर वंचित समाज  के लोगों मे भय पैदा करके अपनी पकड़ सत्ता मे बनाए रखना चाहती हैं। लेकिन इतिहास साक्षी है कि जुल्म बहुत देर तक नहीं रहता  वह समाप्त हो कर ही रहता है और अब जुल्म व नाइंसाफी देश  से खत्म होने की शुरूआत  हो चुकी है। जुल्म व नाइंसाफी खत्म हो कर ही रहेगी।

नेता द्वय ने यह भी कहा कि देश  की कुल राष्ट्रीय सम्पत्ति व सत्ता मं 3.5 पर्तिशत  के लोगों का कब्ज़ा है। यह व्यवस्था भी और अधिक दिनो  तक चलने वाली नहीं है। कब तक गरीबों पर ज़ुल्म  होता रहेगा। अगर यह 3.5 प्रतिशत लोग सभी स्तरों पर भागीदारी नहीं देते तो देश का वंचित समाज छीन करके  ही रहेगा इसके लिए वह बड़ी से बड़ी कुरबानी देने के लिए तैयार हो रहा हैं नेता द्वय ने वंचित समाज  से अपील की कि समाज के दलालों को छोड़ कर स्वयं संघर्ष करने के लिए आगे आएं।