लखनऊः लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्साधिकारियों की मासिक बैठक में संकल्प लिया गया कि  वन महोत्सव के उपलक्ष्य में आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्साधिकारियों द्वारा संकल्प लिया गया कि चिकित्सालयों में खाली पड़ी जमीन पर औषधीय पौधे जैसे – नीम, आंवला, सीता अशोक, अर्जुन, कचनार, निर्गुण्डी, अमलताश, मीठी नीम, अडूसा, हरसिंगार, गिलोय, घृतकुमारी, शतावरी एवं तुलसी आदि का रोपण किया जाएगा तथा इन औषधीय पौंधों के गमले भी तैयार कर चिकित्सालयों में प्रदर्शित किए जायेंगे। इन औषधीय पौंधों के गुण और उपयोग के बारे में जनसामान्य को जानकारी भी दी जायेगी। इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सर्व सुलभ आयुर्वेदिक एवं यूनानी विधा की परम्परागत औषधियों का प्रयोग यदि व्यवहार में लाया जाय तो हम अनेक रोगों से बचे रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि तुलसी, अदरक, मुलेठी, गिलोय, कालीमिर्च एवं हल्दी आदि का काढ़ा बनाकर यदि पिया जाए तो हम वर्षा ऋतु में होने वाले आम संक्रमण जैसे वात-श्लेष्मक ज्वर (वायरल फीवर) आदि से बचे रह सकते हैं। बैठक में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डाॅ0 सुभाष चन्द्र कटियार, डाॅ0 शुभ निकेत सिंह एवं डाॅ0 विक्रम अग्रवाल, डाॅ0 एस0के0 गुप्ता, डाॅ0 पुष्पा श्रीवास्तव, डाॅ0 रेहान जहीर, डाॅ0 लक्ष्मी वर्मा, डाॅ0 अल्ताफुर रहमान, डाॅ0 अनुभूति सहित बड़ी संख्या में चिकित्साधिकारी उपस्थित थे।