वाशिंगटन: इस साल 30 जून का दिन आधिकारिक तौर पर सामान्य से थोड़ा लंबा होगा क्योंकि इस दिन में एक अतिरिक्त सेकेण्ड या ‘लीप’ सेकेण्ड जुड़ेगा। ग्रीनबेल्ट में नासा के गोड्डार्ड अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के डेनियन मैकमिलन ने कहा ‘‘पृथ्वी के चक्कर की गति धीरे-धीरे थोड़ी कम हो रही है। इसलिए लीप सेकेण्ड दर्ज किया जायेगा।’’ एक दिन में 86,400 सेकेण्ड होते हैं। समय मानकों के अनुसार वह ऐसी स्थिति है जिसका उपयोग लोग अपने दैनिक जीवन में समन्वित वैश्विक समय (यूटीसी) के रूप में करते हैं। हालांकि एक औसत दिन में 86,400.002 सेकेण्ड होते हैं। पृथ्वी को चक्कर लगाने में इतना ही समय लगता है।
आम तौर पर एक लीप सेकेण्ड 30 जून या 31 दिसम्बर को जुड़ता है। सामान्यत: घड़ी 23:59:59 के बाद अगले दिन का 00:00:00 बजाता है लेकिन 30 जून को एक सेकेण्ड जुड़ने के बाद यह 23:59:59 के बाद 23:59:60 और फिर एक जुलाई का 00:00:00 बजेगा। सामान्य तौर पर कई सिस्टमों को एक सेकेण्ड के लिए बंद कर दिया जाता है। वर्ष 1972 में पहली बार लीप सेकेण्ड व्यहार में आया था इसके बाद 1999 तक हर साल औसतन एक लीप सेकेण्ड जुड़ता था लेकिन उसके बाद इसमें कमी आई और 2000 के बाद इस जून में चौथी बार ही कोई लीप सेकेण्ड जुड़ेगा।
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