लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेन्द्र सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में जलने से मौत की शुरआती फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में पत्रकार द्वारा खुद को आग लगाये जाने के संकेत मिले हैं। हालांकि पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार के मुताबिक फॉरेंसिक जांच की अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस बारे में पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक कुमार ने कहा कि हमें फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का एक हिस्सा ही प्राप्त हुआ है। हम उसके दूसरे भाग का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही घटना की परिस्थितियों के बारे में किसी नतीजे पर पहुंचे जा सकता है।’ उन्होंने बताया ‘हमें उम्मीद है कि फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा हमें जल्द ही प्राप्त हो जाएगा। बहरहाल, बरेली परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक इस मामले की जांच कर रहे हैं।’ इस बीच, आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मामले की फॉरेंसिक जांच के शुरआती संकेतों के मुताबिक संदिग्ध परिस्थितियों में जलने के बाद गत आठ जून को दम तोड़ने वाले जगेन्द्र के शरीर के बायें हिस्से में ज्यादा घाव पाये गये थे। ऐसा तभी हो सकता है जब दायें हाथ से काम करने वाला कोई व्यक्ति अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालता है।

गौरतलब है कि स्वतंत्र पत्रकार जगेन्द्र सिंह को गत एक जून को कथित रूप से उनके घर पर पुलिस छापे के दौरान कथित रूप से आग लगा दी गयी थी। उनकी आठ जून को लखनउ के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी। इस मामले में नौ जून को प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा तथा एक दारोगा समेत छह लोगों के खिलाफ शाहजहांपुर के पुवायां थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

मृतक पत्रकार के परिजन का आरोप है कि राज्यमंत्री वर्मा ने अपने संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किये जाने से नाराज होकर जगेन्द्र की हत्या करवायी है। पत्रकार की कथित तौर पर जलाकर हत्या किये जाने की सीबीआई जांच के आदेश देने के आग्रह सम्बन्धी एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी है। इस सबके बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल अपने आवास पर जगेन्द्र के परिजन से मुलाकात करके उन्हें 30 लाख रपये सहायता देने के साथ-साथ मृतक पत्रकार के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने तथा मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया था।