मीरपुर : महेंद्र सिंह धोनी को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहे छह महीने हो गए हैं लेकिन खेल के छोटे प्रारूप के प्रति उनके रूख में बदलाव नहीं आया है क्योंकि उनका फलसफा स्थिति की मांग के अनुसार सामंजस्य बैठाना है। धोनी से जब ये पूछा गया कि क्या उनके रवैये में बदलाव आया है तो उन्होंने इसका जवाब नहीं में दिया।

बांग्लादेश के खिलाफ कल यहां होने वाले पहले वनडे की पूर्व संध्या पर प्रेस कांफ्रेंस में धोनी ने कहा, नहीं, यह पहले की तरह है क्योंकि टीम के लिए महत्वपूर्ण जीतना है। हमें देखना होगा कि अंतिम एकादश में खेल रहे खिलाड़ियों के अनुकूल क्या भूमिका और जिम्मेदारी है और इसके अनुसार ही हम फैसला करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामंजस्य बैठाना और लगातार सुधार की कोशिश करना महत्वपूर्ण है।

धोनी ने कहा, जैसा कि मैंने कहा यह खेल की मांग है। यह मेरे बारे में नहीं है, बल्कि टीम मुझसे क्या चाहती है और जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो क्या स्थिति है, इससे संबंधित है। इसलिए यह पहले की तरह है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि मैं कहां बल्लेबाजी कर रहा हूं। अगर मैं पांचवें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहा हूं तो उस समय स्थिति की मांग मेरे तीसरे और चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने से काफी अलग होगी।

धोनी ने कहा, यह काफी पेशेवर प्रतिद्वंद्विता रही है और दोनों टीमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश में रहती हैं। हमने हालांकि मैदान पर कभी कोई अप्रिय घटना नहीं देखी जो काफी महत्वपूर्ण है। यह प्रतिद्वंद्विता सही दिशा में जा रही है। विश्व कप क्वार्टर फाइनल मैच में बांग्लादेश ने कुछ अंपायरिंग फैसलों पर कड़ी आपत्ति जताई थी। कइयों ने इस श्रृंखला को बदले की श्रृंखला में करार दिया लेकिन धोनी ने इसे खारिज किया।

उन्होंने कहा, कौन सा विवाद। आप किस मैच की बात कर रहे हैं। यह चार पांच महीने पुरानी बात है। मुझे दो दिन पहले का ही याद है। उस बारे में ज्यादा मत सोचिये.. यह क्रिकेट का मैच ही था।