लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि बसपा अध्यक्ष को पुराना घिसापिटा राग अलापने का मर्ज है। जिस दिन से समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है, उन्हें प्रदेश में दिन में भी अंधेरा दिखाई पड़ने लगा है। जब वे सत्ता से बाहर हुई  और समाजवादी सरकार बनी उन्हें अचानक चारों तरफ जंगलराज का खौफ सताने लगा है। उन्हें भ्रष्टाचार के सपने भी आने लगे हैं। अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश को बुरी तरह बर्बाद करने और राजकोष को लूटने के अलावा उन्होंने कुछ और किया नहीं, अब वे पाक साफ बनने की कोशिश कर रही है।

मायाराज में तानाशाही का नंगा नाच होता था। मुख्यमंत्री आवास की सड़क पर कोई परिंदा पर नहीं मार सकता था। महारानी की सवारी सड़क पर निकलती भी तो पहले पानी का छिड़काव होता था और राहगीरों को मुंह पीछे कर खड़े होने का पुलिसिया हुक्म जारी हो जाता था। जन्म दिन की जबरन चंदा वसूली में एक अभियंता की निर्मम हत्या हो गई। भ्रष्टाचार और हत्या, बलात्कार में कई बसपा मंत्री विधायक जेल में हैं। किसी दलित से पूरे पाॅच साल बसपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री रहते भेंट नहीं की। आज वे गरीबों और किसानों की बात किस मुंह से करती हैं ?

सच तो यह है कि बसपा तो समाजवादी पार्टी के सवा तीन सालों में हो रहे विकास कार्यों और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रति जनता के बढ़ते भरोसे से बुरी तरह परेशान और त्रस्त है। समाजवादी सरकार में समाज के सभी वर्गो को लाभ देने वाली योजनाएं लागू हुई है। किसान, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक, नौजवान सभी को इनसे लाभ मिला है। इन शानदार योजनाओं की नकल अब दूसरे राज्य करने को बाध्य है। बसपा अध्यक्ष समाजवादी सरकार के विकास से बौखला गई है और अपने पुराने दिनों को याद करके त्राहि-त्राहि, करने लगी हैं।