नई दिल्ली। यदि आपको डॉक्टरों की लिखावट समझने में पसीने छूट जाते हैं तो जल्द ही इससे राहत मिल जाएगी। केंद्र सरकार डॉक्टरों को अंग्रेजी के कैपिटल लेटर में दवा का नाम लिखने के निर्देश देने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों में जल्द संशोधन करेगा।
मंत्रालय का मानना है कि डॉक्टरों की लिखावट कभी इतनी मुश्किल हो जाती है कि इससे निर्देश में चूक की आशंका पैदा हो जाती है। सूत्रों के अनुसार, इस बारे में अधिसूचना जल्द जारी होगी। साथ ही डॉक्टर को दवा के ब्रांडेड नाम के साथ जेनरिक नाम भी लिखना अनिवार्य करने का विचार है। इससे मरीज और परिजनों को दवा कम दाम पर खरीदने का विकल्प मिल सकेगा।
राजस्थान पत्रिका में 8 जून के अंक में “लिखे डॉक्टर, समझे दुकानवाला” शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर एमसीआई की गाइडलाइन केउल्लंघन की जानकारी दी थी। बताया था कि दवा पर्ची पर ऎसी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे फार्मासिस्ट के सिवाय दूसरा समझ ही नहीं पाता। कई बार तो फार्मासिस्ट भी नहीं समझ पाते।
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