श्रीनगर: सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मणिपुर में सेना पर हमले के बाद म्यांमार की सीमा के अंदर भारत की सेना द्वारा सटीक हमले को कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास की स्थिति से तुलना नहीं की जा सकती, जहां आतंकवादियों के खिलाफ इसी तरह की ‘जवाबी कार्रवाई’ संभव नहीं है।

सेना के 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा, ‘मणिपुर की घटना (म्यांमार में हमला) वहां की स्थितियों और परिस्थितियों के मुताबिक है। मैं एक-दूसरे को नहीं जोड़ सकता।’

लेफ्टिनेंट जनरल साहा इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों के खिलाफ इसी तरह का अभियान चला सकती है। उन्होंने कहा, ‘किसी अभियान की प्रतिक्रिया या कार्रवाई उस इलाके की स्थिति पर निर्भर करती है। मेरा मानना है कि इसे एक -दूसरे से जोड़ना पेशेवर रूप से सही नहीं है।’

उत्तर कश्मीर के सोपोर में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा हाल में की गई हत्याओं के बारे में सेना अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से सुरक्षा स्थिति बाधित होती है।

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की घटनाएं (राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या) सुरक्षा की स्थिति को बाधित करती हैं। क्या यह आतंकवादी घटना थी, आपराधिक घटना थी या मामूली कृत्य था यह जांच के बाद ही पता चलेगा।’