लखनऊ। अवैध खनन और अवैध लोडिंग में नाकाम फतेहपुर के जिलाधिकारी राकेश कुमार को आज तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया साथ ही सहायक भू-वैज्ञानिक एसके सिंह को भी निलंबित कर दिया जबकि खान अधिकारी सुरेन्द्र सिंह का तबादला कर दिया।
फतेहपुर के ओती घाट पर यमुना की धारा पर बने अवैध पुल से करोड़ों की मौरंग निकाले जाने से पर्यावरण को नुकसान की बात समाचार पत्रों में कई दिनों से हैडलाइन बन रही थी । गुरुवार को फतेहपुर के दौरे पर यह प्रकरण उठने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कमिश्नर बीके सिंह से कई सवाल पूछे और भ्रष्टाचार पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्हें निलंबित कर दिया। कमिश्नर के निलंबन के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने डीएम व भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव गुरदीप सिंह ने सहायक भू-वैज्ञानिक एसके सिंह को निलंबित कर दिया लेकिन खान अधिकारी सुरेन्द्र सिंह का सिर्फ तबादला किया गया।
प्रमुख सचिव गुरदीप सिंह ने फतेहपुर के जिलाधिकारी राकेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की भी संस्तुति शासन को भेजी, जिसमें कहा गया है कि अवैध पुल का निर्माण कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पहली जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होती है। वह दायित्वों के निवर्हन में शिथिल पाये गये। अवैध परिवहन व ओवरलोडिंग रोकने के लिये भी उनके स्तर पर प्रयास नहीं किया गया। इस संस्तुति के आधार पर शासन ने डीएम फतेहपुर को भी निलंबित कर दिया। राज्य में अवैध खनन के मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। मुख्य सचिव आलोक रंजन का कहना है कि यमुना की धारा रोककर पुल का अवैध निर्माण गंभीर मसला है। डीएम फतेहपुर को फिलहाल राजस्व परिषद से सम्बद्ध कर दिया गया है ।
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