लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पूरा प्रदेश इस वक्त भीषण गर्मी में पानी और बिजली की समस्या से उबल रहा है और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अभी तक जनता को कोई भी राहत नहीं दे पाए हैं। अपेक्षाकृत कम महत्व के मुद्दे लेकर विदेशों की यात्राएं करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बताएं कि यूपी की सत्ता संभालने के बाद जनता की बिजली और पानी की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए हैं ? 

पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि क्या उन्होंने किसी स्तर पर सूबे में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए कोई गंभीर प्रयास किया है? क्या जनता को पीने का पानी मुहैया न कराने वाले अफसरों पर कोई कड़ी कार्रवाई की है? गर्मी के बढ़ते ही पूरे प्रदेश की जनता को दोहरी मार पर रही है। बिजली तो गायब है ही पीने के पानी के लिए भी हाहाकार मचा हुआ है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भीषण अराजकता का उदाहरण यह है कि लखनऊ में छह पंपों वाले गऊघाट पंपिंग स्टेशन में सर्वाधिक क्षमता वाला पंप पिछले चार वर्ष से खराब है और दूसरा पंप मार्च से खराब चल रहा है। यही हालत प्रदेश के अन्य जिलों में भी पानी सप्लाई करने की व्यवस्था का है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पूरे प्रदेश में भूगर्भ जल लगातार नीचे जा रहा है लेकिन अखिलेश सरकार अभी तक इसे रोकने के लिए कोई कारगर योजना सामने नहीं लाई है। बिजली को तो इससे भी बुरा हाल है। सपा सरकार के राज में फैले भ्रष्टाचार ने पानी के साथ बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर जमकर सरकारी धन की लूट की है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि लखनऊ में लेसा ने पिछले 32 महीनों में शहर की बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर 500 करोड़ रुपए फूंक दिए लेकिन चहेती कंपनियों की जेबें गर्म करने के अलावा कोई बदलाव अभी तक नहीं दिखा है। उधर, मुख्यमंत्री के गृह जिले इटावा समेत सपा के प्रभाव वाले इलाकों में ही सबसे ज्यादा बिजली चोरी हो रही है लेकिन इसे रोकने की बजाय वह इसे अपनी मौन   स्वीकृति दे रहे हैं। इस कारण जो बिजली गरीब जनता को मिलनी चाहिए उसे अखिलेश सरकार सपा नेताओं की कोठियों पर लुटा रही है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश की जनता के प्रति मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यदि जरा भी गंभीर हैं तो सूबे में बिजली-पानी के भीषण संकट को दूर करने के लिए कुछ प्रयास करें। अगर यह समस्या ऐसे ही बनी रही तो मुख्यमंत्री की क्षमता पर सवाल उठना लाजमी है।