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खनन सिंडीकेट के भरोसे अवैध खनन जोरों पर: विजय बहादुर पाठक

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार को आरोपित करते हुए कहा कि राज्य में उच्च स्तर पर मिल रहे संरक्षण के कारण खनन कारोबार से जुड़े लोग बेखौफ होकर पर्यावरण एवं नदी संरक्षण का मखौल उड़ा रहे है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने फतेहपुर में यमुना नदी की धारा रोककर बनाये गये अवैध पुल की चर्चा करते हुए कहा कि आखिर जिले के आलाधिकारी और खनिज विभाग के नाक के नीचे यह सब होता रहा तो वे मौन क्यों थे ? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि प्रशासन की अनभिज्ञता के बाद भी बने अवैध पुल को ध्वस्त करने की कार्यवाही किसके निर्देश पर रोकी गयी है ? 

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर राज्य में खनन माफियाओं के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पूरे राज्य में खनन सिंडीकेट के भरोसे अवैध खनन जोरों पर है। सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेताओं के संरक्षण में चल रहे इस कारोबार में करोड़ के वारे-न्यारे हो रहे है। जिन पर अवैध खनन को रोकने की जिम्मेदारी है उन्ही के संरक्षण में यह कारोबार फल-फूल रहा है। खनन सिंडीकेट के सहयोगी की भूमिका में आये जिलो-जिलों के खनन अधिकारी फर्जी रवन्ना, मानक से अधिक खनन को बढ़ावा देने में जुटे है। हालात ये है कि ओवर लोडि़ंग के कारण सड़के ध्वस्त हो रही है। खनन मंत्री खुद अवैध खनन से लदी गाडि़यां जब औचक निरिक्षण करते है तो सड़को पर उन्हें मिलती है। 

उन्होंने कहा कि आखिर फतेहपुर के ओतीमोरंग घाट में यमुना के जलधारा को रोककर बनाये गये अवैध पुल को मंजूरी किसने दी। जब ओती और कुर्रा के भूखण्डों की जांच के लिए खनिज विभाग की टीम वहां गयी थी तो उसे पुल निर्माण की भनक क्यों नहीं लगी ? जबकि कई दिनों से ये कार्य चल रहा था। यमुना जैसी बड़ी नदी की जलधारा को रोककर खनन मफिया अपने मनसुबो को परवाना चढ़ाते रहे और सम्बन्धित अधिकारी मौन क्यों रहे। जब जिलाधिकारी फतेहपुर ये मान रहे है कि खनिज विभाग ने अपनी रिपोर्ट में पूरी तरह से पुल को अवैध बना बताया है। तो अब उसके गिराने के लिए किस ऊपरी आदेश का इंतजार कर रहे है।

श्री पाठक ने कहा कि पूरे प्रदेश में खनन और खनन के कारोबार से जुड़े माफियाओं का बोलबाला है कई जनपदों में तो खनन सिंडीकेट तय करता है कि वहां जिलाधिकारी कौन होगा। यही कारण है जहां कही प्रशासनिक अधिकारी खनन मफियाओं के सहमति के आधार पर कार्य करते है वहां तो ये ‘‘स्वीटनर’’ के हकदार होते है और जहां ये विरोध में खड़े होते है वहां बागपत-आगरा जैसी घटनाऐ दोहराई जाती है। खनन माफियाओं का कितना इकबाल है अखिलेश सरकार में इसको दुर्गा शक्ति नागपाल प्रकरण में प्रदेश की जनता देख चुकी है। 

भाजपा प्रवक्ता ने मांग कि पर्यावरण इंजीनियर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फतेहपुर में खनन माफियाओं द्वारा यमुना की धारा रोकने की गयी कवायत को संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्यवाही करें ताकि पर्यावरण और नदी संरक्षण का जो मखौल उड़ाया जा रहा है वो बंद हो सके। उन अधिकारी, कर्मचारियों पर भी कठोर कार्यवाही हो जिनकी जानबुझकर अनदेखी के कारण इस तरह की स्थितियों के निर्माण करने में खनन से जुड़े लोग सफल हुए।

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