विदेश यात्रा,  निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने की अनिवार्यता को समाप्त

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए तीन पन्ने का नया फार्म आज पेश किया जिसमें विदेश यात्रा व निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने की विवादास्पद अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।

मंत्रालय ने इसके साथ ही आयकर विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख भी बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। मंत्रालय ने कहा है कि करदाताओं को रिटर्न में केवल पासपोर्ट नंबर तथा सक्रिय बैंक खातों की जानकारी देनी होगी। मुख्य आईटीआर फार्म तीन पन्नों से अधिक का नहीं होगा जबकि जरूरत पड़ने पर ‘अन्य’ जानकारी ‘अनुसूचियों’ के तहत दी जा सकती है।

ये आईटीआर फार्म 14 पन्नों के उस विवादास्पद फार्म की जगह लेंगे जिसका काफी विरोध हुआ था। उद्योग संगठनों के साथ-साथ सांसदों ने इस फार्म का विरोध करते हुए कहा था कि इसमें विदेश यात्रा व बैंक खातों सहित अनावश्यक जानकारी मांगी गई है। विवाद के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने उक्त फार्म पर अमल रोकने की घोषणा की थी।

मंत्रालय ने इस साल रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख एक महीना बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है क्योंकि नये फार्म के लिए साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। नये फार्म से ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने का काम जून के तीसरे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। नया आईटीआर-2ए फार्म ऐसे व्यक्ति या अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) के लिए है जिसको कोई पूंजीगत लाभ, कारोबार या पेशेवर आय नहीं होती है और जिसके पास कोई विदेशी आय या सम्पत्ति नहीं है।

इसके साथ ही मंत्रालय ने उन निष्क्रिय बैंक खातों का ब्यौरा देने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है जिनमें बीते तीन साल से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। यानी करदाता को आलोच्य वित्त वर्ष में अपने सक्रिय बचत बैंक खाते की संख्या व आईएफएस कोड देना होगा। इन खातों में राशि की जानकारी नहीं देनी होगी।

इसके अलावा भारत में रह रहा कोई विदेशी जो भारत का नागरिक नहीं है और यहां व्यवसाय, रोजगार या छात्र वीजा पर आया है उसे अपने पहले के उस साल की विदेशी परिसंपत्तियों का विवरण नहीं देना होगा जिस समय वह भारत में नहीं आया था।