नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास द्वारा एक छात्र संगठन की मान्यता समाप्त किए जाने के मुद्दे को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के आज मानव संसाधन विकास मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन किए जाने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी में जुबानी जंग छिड़ गई।

राहुल गांधी ने कहा कि मान्यता खत्म किए जाने का मकसद विरोध को दबाना है और वह इस तरह की कोशिशों के खिलाफ संघर्ष करेंगे। इस पर ईरानी ने पलटवार करते हुए उन्हें शिक्षा सहित शासन के मुद्दों पर बहस करने की चुनौती दी और उन पर एनएसयूआई के पीछे छिपकर अपनी लड़ाई लड़ने का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने अपने कार्यालय के ट्विटर एकाउंट पर कहा, ‘मोदी सरकार की आलोचना करने के लिए आईआईटी छात्र समूह पर प्रतिबंध। आगे क्या होगा? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारा अधिकार है। असहमति और चर्चा को दबाने के किसी भी प्रयास के खिलाफ हम लड़ेंगे।’

इसका जवाब देते हुए ईरानी ने ट्विटर पर अपनी टिप्पणियों में कहा, ‘अगली बार अपनी लड़ाई खुद लड़े, एनएसयूआई के पीछे न छिपें। और वैसे भी मैं जल्द अमेठी लौट रही हूं। वहां आपसे मिलूंगी।’

ईरानी ने राहुल को चुनौती देते हुए कहा, ‘मुझे समय और स्थान बताइए। मैं शिक्षा सहित शासन के हर पहलू पर बात करने को तैयार हूं।’ उन्होंने कहा ‘अपने लोगों से कहें, लोकसभा चुनावों के समय मुझे डराने धमकाने की कोशिशें अमेठी में की गईं, लेकिन मुझे डरा नहीं सके। वे अब मुझे नहीं डरा सकते।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘कल आपने एनएसयूआई से कहा कि जहां कहीं व्यवस्था है वहां अव्यवस्था पैदा करें। आज आपके गुर्गे मेरे घर आए, क्योंकि मैं काम पर गई हुई थी।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आलोचक होने की शिकायत के बाद एक छात्र संगठन की मान्यता खत्म करने पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास एक विवाद में घिर गया। इस छात्र संगठन के कई सदस्य दलित हैं। असम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आईआईटी की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि संस्थान ने साफ-साफ कह दिया था कि छात्र संगठन ने कुछ प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और इसे पता था कि नियमों का उल्लंघन करने को लेकर डीन इसकी मान्यता खत्म करेंगे।

इस मुद्दे पर दिल्ली में ईरानी के आधिकारिक आवास के बाहर सैकड़ों की संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आज प्रदर्शन किया। कांग्रेस छात्र शाखा के प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और छात्र संगठन के खिलाफ हुई कार्रवाई के पीछे एचआरडी मंत्रालय का हाथ होने का आरोप लगाया।