जयपुर। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग और जयपुर-आगरा हाईवे पर डटे गुर्जर समाज के लोग अपना आंदोलन समाप्त करने के लिए तैयार हो गए हैं। दरअसल, गुरूवार को समाज के नेताओं और राजस्थान सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर हुई बैठक में सरकार आरक्षण देने को तैयार हो गई है।

बैठक के बाद सरकार ने गुर्जर संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी लाल बैंसला को इस आश्य की चिटी सौंप दी है। आज हुई बैठक में बैंसला भी शामिल हुए थे। चिटी मिलने के बाद उन्होंने गुर्जरों से कहा है कि वे रेलवे ट्रैक और हाईवे से हट जाएं।

इस अपील के बाद कुछ दिनों से बंद पड़ा हाईवे और दिल्ली-मुंबई रेल टै्रक खुलने से परेशान हो रहे लोगों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। इससे पहले, राजस्थान हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरूवार को प्रदेश के मुख्य सचिव सीएस राजन और पुलिस महानिदेशक मनोट भट्ट को को फटकार लगाई।

प्राप्त खबरों के अनुसार, कोर्ट ने मुख्य सचिव सीएस राजन और डीजीपी मनोज भट्ट की यह कहते हुए खिंचाई की कि वे आंदोलन कर रहे गुर्जर समाज के लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सके और न ही आंदोलन को खत्म कर सके।

हाई कोर्ट ने आंदोलन के चलते प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में चरमराई कानून-व्यवस्था और रेलवे एवं सरकारी खजाने को हो रहे आर्थिक नुकसान पर भी चिंता व्यक्त की। महाधिवक्ता लक्ष्मीकांत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि कोर्ट ने प्रशासन से पूछा कि प्रदेश में शांति बहाली और गुर्जर आंदोलन को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।