अल्पसंख्यकों के अधिकार और वक्फ की सुरक्षा के लिए हज़रतगंज में विरोध प्रदर्शन   

लखनऊ: अल्पसंख्यकों के अधिकार और वक्फ की सुरक्षा के लिए शाही मस्जिद हजरतगंज में हुई विरोध सभा को संबोधित करते हुए कौमी विकास मचं के अध्यक्ष इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और उनके अधिकारों के प्रति गंभीर नहीं है । हाश्मिपुरा के अपराधियों को सजा दिलाने में सरकार विफल रही है। सरकार हाशिमपुरा के लिए दिन में कैंडल मार्च निकालकर मुसलमानों को अंधेरे में रख रही है, हाशिमपुरा के लिए केंडल मार्च निकालने से बेहतर है कि सरकार अदालत में मामले की पैरवी के लिए अच्छा वकील खड़ा  करे । 

मौलाना ने कहा मौजूदा सरकार में इतने सांप्रदायिक दंगे हुए हैं कि उन्हें उंगलियों पर गिनवाना मुश्किल है लेकिन अफसोस इस बात का है कि किसी भी दंगे के अपराधियों की ना तो गिरफ्तारी हुई और न पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाए गए । अल्पसंख्यकों के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया, यह सरकार केवल दंगों के लिए याद रखी जाएगी। मौलाना ने कहा कि राज्य सरकार ने 18 फीसद आरक्षण का वादा किया था लेकिन पुलिस भर्ती में मुसलमानों को एक फीसद भी नहीं दिया गया, 90 फीसदी यादव पुलिस भर्ती में शामिल किए गए वह भी कन्नौज, एटा और मैनपुरी के क्षेत्रों से, 41 हजार पुलिस भर्ती में अधिक से अधिक यादव शामिल हैं, ऐसा करके सरकार ने मुसलमानों और हिन्दू समाज के साथ धोखा किया है। मुजफरनगर दंगा पीड़ितों का अभी तक पुनर्वास नहीं हो सका मगर सरकार सेफई में महिलाओं के अश्लील डांस पर जनता का पैसा पानी की तरह बहाती रही ।मुलायम सिंह के जन्मदिन मनाने पर अरबों रुपये खर्च कर दिए गए आखिर सरकार के मुस्लिम मंत्रियों ने हाशिमपुरा और मुजफ्फर नगर दंगा पीड़ितों के लिए क्या किया है? क्या र्सिफ केंडल मार्च निकालने से हाशिमपुरा को न्याय मिल सकता है?

मौलाना ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता की मांग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि बोर्ड ने सदस्यों की जो सूची जारी की है वह विश्वसनीय नहीं है। हम वक्फ बोर्ड की तबाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।  मोलाना ने कहा, कुछ खुशामदी और बेईमान मौलवी भी हैं जिनके वक्फ पर अवैध कब्जे हैं और सरकार उनकी सरपरस्ती कर रही है। सरकार ऐसे लोगों को वक्फ बोर्ड में लाना चाहती है जो वक्फ को बरबाद कर दे । एक ऐसे आदमी को सदस्य बनाया गया है जिसने मुमबई में एक वक्फ का इमामबाडा अभी बेचा है ।सरकार ने जिसे खुद निकाला था और जिसकी वजह से बोर्ड भंग किया गया था उसे फिर अध्यक्ष बनाने के लिए सरकार मन बना चुकी है ।सीबीसीआईडी एफआईआर में सरकार उसे बचा रही है। उसका वारंट होने के बाद वापस कैसे ले लिया गया। यह सरकार चोरों के नेतृत्व कर रही है। अगर ऐसे लोगों को वक्फ बोर्ड में लाया गया और फिर उसे अध्यक्ष बनाया गया तो हमारा विरोध जारी रहीगा । हम 2017 में सरकार का भरपूर विरोध करेंगे जिस तरह कांग्रेस का विरोध किया गया था ।2017 के चुनाव के मद्देनजर ही सरकार फिर लुभावने वादे करने लगी है अब मुसलमान उनके धोखे में नहीं आएंगे। हम जनता के बीच जाकर सरकार की वास्तविकता को स्पष्ट करेंगे ।

मौलाना ने अंत में कहा कि मुसलमानों खासकर शियों के अधिकार से हर मोर्चे पर सरकार ने अनदेखी की है। यह सरकार केवल वादों की सरकार है, अगले चुनाव में मुसलमान अब इस सरकार के झांसे में नहीं आएंगे । मोअल्लिमीन उर्दू से लेकर वक्फ बोर्ड की सुरक्षा तक हर मोर्चे पर सरकार विफल रही है। 

सभा में मौलाना अमीर हैदर, मौलाना रजा हसेन, मौलाना हबीब हैदर, मौलाना तसनीम महदी ने भी संबोधित किया  ।