कोलकाता : दो बार की पूर्व चैम्पियन और आईपीएल की सबसे कामयाब टीम चेन्नई सुपर किंग्स कल (रविवार) खिताबी मुकाबले में मुंबई इंडियंस के सामने होगी और इसके साथ ही 47 दिन तक चले टी20 क्रिकेट के इस कमोबेश ‘विवादरहित’ सत्र का भी अंत हो जायेगा।

दो साल पहले के स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद से चेन्नई सुपर किंग्स विवादों से घिरी रही है और इस साल भी उसके सिर्फ 5 लाख रुपये के मूल्यांकन पर प्रवर्तन निदेशालय की भृकुटियां तनी थी। इस मामले पर हालांकि 2013 के स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण जैसा बवाल नहीं मचा था।

आईपीएल का 8वां सत्र हालांकि पूरी तरह नाटकीयता से मुक्त नहीं रहा। इसमें एक सटोरिये द्वारा खिलाड़ी से संपर्क, मैदान पर तीखी बहस और प्रोटोकाल तोड़ने की घटनायें सामने आई।

इन सभी के बीच महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई टीम ने अपना बढिया प्रदर्शन जारी रखा। मुंबई इंडियंस ने दो साल पहले 26 मई को इसी मैदान पर चेन्नई को तीसरा खिताब जीतने से रोक दिया था लिहाजा उसके पास बदला चुकता करने का मौका होगा।

अंकतालिका में शीर्ष रही चेन्नई पहले क्वालीफायर में मुंबई इंडियंस से 25 रन से हार गई थी लेकिन कल (शुक्रवार) दूसरा क्वालीफायर जीतकर छठी बार फाइनल में प्रवेश कर लिया।

रांची में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर को तीन विकेट से हराने वाली चेन्नई टीम जबर्दस्त फार्म में है जबकि मुंबई को चार दिन का आराम मिल गया है और उसे किसी तरह की आत्ममुग्धता से बचना होगा।

चेन्नई ऐसी टीम है जिसने अपने खिलाड़ियों में ज्यादा बदलाव नहीं किया है। उसके सीनियर खिलाड़ी फॉर्म में है और ‘धोनी टच’ के चलते यह टीम अजेय नजर आती है। बेंगलूर के खिलाफ तीन विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच रहे बायें हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा अभी तक 22 विकेट ले चुके हैं। वहीं 40 बरस के होने जा रहे माइकल हस्सी ने कल 56 रन की पारी खेली।

इस मैदान पर 2013 में अपना एकमात्र खिताब जीत चुकी मुंबई इंडियंस ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। पहले छह मैचों में पांच हार चुकी मुंबई ने आखिरी आठ में से सात मैच जीतकर प्लेऑफ में प्रवेश किया था।

सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ आखिरी लीग मैच उसके लिये करो या मरो का था जिसमें रोहित शर्मा की टीम ने विरोधी को सिर्फ 113 रन पर आउट करके छह विकेट बाकी रहते जीत दर्ज की। कप्तान रोहित शर्मा के लिये यह मैदान भाग्यशाली रहा है जहां उन्होंने पिछले साल नवंबर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे क्रिकेट में रिकॉर्ड 264 रन की पारी खेली थी।

सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल और लैंडल सिमंस भी अच्छे फॉर्म में हैं। सिमंस पांच अर्धशतक बना चुके हैं। वह आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिये सर्वाधिक पांच शतक बनाने वाले जेपी डुमिनी (2009) और सचिन तेंदुलकर (2010) की जमात में शामिल हो गए हैं।

मुंबई का यह तीसरा फाइनल है और पिछली दोनों बार भी उसका सामना चेन्नई से ही था। वह 2010 में चेन्नई से 22 रन से हार गई थी जबकि 2013 में 23 रन से जीती थी। स्पिनरों की मददगार ईडन की पिच पर यह भारत के दो शीर्ष ऑफ स्पिनरों का भी मुकाबला होगा। टेस्ट टीम में वापसी करने वाले मुंबई इंडियंस के हरभजन सिंह की इस मैदान से कई अच्छी यादें जुड़ी हैं जबकि चेन्नई के पास आर अश्विन हैं।

मुंबई को शुरुआती सफलता दिलाने का जिम्मा तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा का होगा। वहीं चेन्नई के तेज गेंदबाजों ड्वेन ब्रावो और नेहरा की नजरें परपल कैप पर होगी।