नई दिल्ली: हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी को पासपोर्ट जारी करने पर चल रहे विवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उनके आग्रह पर ‘गुण-दोष’ के आधार पर काम होगा क्योंकि यात्रा दस्तावेज ‘हर भारतीय नागरिक का अधिकार’ है।

सूत्रों ने कहा कि गृह और विदेश मंत्रालय जम्मू-कश्मीर सरकार से मशविरा कर इस मुद्दे पर निर्णय करेगा और गिलानी के नजदीकी पासपोर्ट कार्यालय में उनका जरूरी जैविक विवरण देने के लिए जाने के बाद ही इस पर निर्णय होगा। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि गिलानी को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की खातिर राष्ट्रीयता वाले कॉलम में ‘भारतीय’ लिखना होगा।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘पासपोर्ट हर भारतीय नागरिक का अधिकार है और तय प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद विदेश मंत्रालय इसे जारी करता है। अगर कोई आवेदक पासपोर्ट के लिए आवेदन करता है तो उसके मामले की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसे आपैचारिकताओं को पूरा करना होता है। जैसे ही मामले को गृह मंत्रालय के पास भेजा जाता है, हम मामले पर गुण-दोष के आधार पर आगे बढ़ेंगे।’जम्मू-कश्मीर के गठबंधन सहयोगी पीडीपी और भाजपा गिलानी को पासपोर्ट जारी करने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं।

पीडीपी ने कहा है कि वह ‘मानवीय’ आधार पर गिलानी को पासपोर्ट जारी करने के लिए केंद्र से संपर्क करेगी जबकि भाजपा का कहना है कि जब तक वह देश विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ नहीं मांगते हैं, तब तक उन्हें यात्रा दस्तावेज नहीं दिया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि गिलानी और उनके परिवार के सदस्य जेद्दा की यात्रा करना चाहते हैं और उन्होंने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है।

लेकिन वह अपना बायोमेट्रिक ब्यौरा देने और फोटोग्राफ खिंचवाने के लिए श्रीनगर में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय नहीं गए है। नए नियमों के मुताबिक आवेदक को व्यक्तिगत रूप से पासपोर्ट कार्यालय जाना होता है जहां उसके शरीर की विशिष्ट पहचान जैसे उंगलियों की छाप, आंखों का रंग और किसी जन्मजात निशान आदि का ब्यौरा लिया जाता है और फोटो खींचा जाता है।