लखनऊ: विगत लोकसभा चुनाव 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सैंकड़ों चुनावी सभाओं में जिस प्रकार तमाम सब्जबाग देश की जनता को दिखाये गये थे वह सब के सब सिर्फ जुमले साबित हुए हैं। चाहे वह काले धन का मुद्दा हो, मंहगाई, भ्रष्टाचार, विकास, बेरोजगारी दूर करना, उद्योगों का विकास, बिजली-पानी घर-घर, स्वास्थ्य सेवाएं घर-घर सहित जितने बड़े-बड़े बोल मोदी जी ने अपनी चुनावी सभाओं में बोले और जनता से देश का चैकीदार, सीमाओं की सुरक्षा, 56 इंच का सीना और पता नहीं क्या-क्या जुमले फेंके थे। पिछले वर्ष 16मई को ही लोकसभा के नतीजे आ गये थे। आज एक वर्ष पूरा हो गया है किन्तु एक भी वादा अभी तक पूरा होता नहीं दिख रहा है। एक बात देश में अब अवश्य दिख रही है कि आम जनता मंहगाई की मार से कराह रही है।

कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मोदी जी एक बार अपने चुनाव में दिये गये भाषणों में किये गये वादों का अवलोकन करें और बिन्दुवार एक श्वेतपत्र जारी कर अपने चुनावी भाषणांे में किये गये वादे पूरा किये या नहीं किये देश की जनता को बतायें।

हास्यास्पद तो यह है कि कि मोदी जी को विदेश भ्रमण से फुर्सत नहीं है और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह उनके वादों को जुमला बताते हैं इस पर भी श्री मोदी को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

आने वाली 26 मई को भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व की केन्द्र में मोदी सरकार बने हुए एक वर्ष पूरा हो जायेगा, तो मोदी जी उस एक वर्ष की अपनी उपलब्धियों का जब बखान करें तो एक वर्ष पूर्व जो जुमले उन्होने देश की जनता के सामने फेंके थे उसे भी शामिल करें।