लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पिछले एक वर्ष से यूपी में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा करने वाली अखिलेश यादव सरकार की पोल एक बार फिर खुल गई है। गर्मी के बढ़ते ही पूरे प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती का सिलसिला शुरू हो गया है जिससे जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पूरे प्रदेश में जनता आक्रोश में है और खराब बिजली व्यवस्था एक बार फिर कानून-व्यवस्था का भी प्रश्न बन गई है। जनता को गुमराह करने की हद तो यह है कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम की जिस नई अनपरा (डी) परियोजना का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीती 31 मार्च को पूरे धूमधाम से लोकार्पण किया था वह अब तक एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं कर पाई है। जनता को गुमराह करने के लिए सरकार ने बिना कोई टेस्टिंग कराए इस यूनिट का जल्दबाजी में लोकार्पण तो कर दिया लेकिन तकनीकी कारणों से इसे अभी तक चालू नहीं किया जा सका है। प्रदेश की जनता को गुमराह करने का एक आपराधिक कृत्य सूबे की सपा सरकार ने किया है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है और प्रदेश के बिजली घर एक-एक करके जवाब दे रहे हैं। उचित रखरखाव न होने से अबतक 600 मेगावाट क्षमता वाले बिजली घरों से उत्पादन बंद हो चुका है। वर्ष भर बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने का दिखावा करने वाली सरकार ट्रांसफारमरों का उचित प्रबंधन नहीं कर सकी है। ओवरलोडिंग की समस्या से निजात पाने के लिए सपा सरकार ने नए ट्रांसफारमर नहीं लगाए हैं जबकि इन खराब हो रहे ट्रांसफारमरों की मरम्मत में हो रहे खर्च से ही नया ट्रांसफारमर लगाया जा सकता है। जो कुछ नए ट्रांसफारमर लगाए भी गए हैं उनकी भी गुणवत्ता बेहद खराब है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद से बिजली व्यवस्था लगातार खराब होती जा रही है। हर साल सरकार आंकड़ों की बाजीगरी करके बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने का ढोल पीट रही है लेकिन पारा चढ़ते ही सरकार की सारी कलई खुल गई है, भुगतना बेसहाय जनता को पड़ रहा है। अगर वाकई सपा सरकार प्रदेश की बिजली व्यवस्था को लेकर संजीदा है तो वह श्वेत पत्र जारी कर बताए कि पिछले तीन वर्षों में उनके प्रयास कितने प्रभावी हुए हैं ?