बीजिंग। भारत और चीन के बीच शुक्रवार को ने अंतरिक्ष, विज्ञान, दक्षता विकास, रेल, स्मार्ट सिटी, पर्यटन और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में करीब दस अरब डॉलर के 24 समझौतों हुए। दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग के बीच हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

इन समझौतों के तहत भारत के सहयोग से चीन में योगा कॉलेज खोलेगा। अहमदाबाद में चीन के सहयोग से महात्मा गांधी स्किल डवलपमेंट इंस्टीट्यूट की शुरूआत होगी। साथ ही दूरदर्शन और सीसीटीवी, स्किल डवलपमेंट, सिस्टर सिटीज, रेलवे और एजुकेशन एक्सचेंज, भारत के नीति आयोग और चीन के डवलपमेंट रिसर्च के बीच भी समझौता हुआ। दोनों देशों ने भूकंप विज्ञान के लिए भी समझौता किया है। दोनों देशों के बीच थिंक फोरम भी बनाया जाएगा।

दोनों देशों के संयुक्त बयान के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि मेरी चीन यात्रा सकारात्मक रही। चीनी प्रधानमंत्री को भारत आने का निमंत्रण दिया है। सीमा विवाद पर चर्चा हुई और सहमति बनी कि इसका उचित और आपसी रजामंदी से हल निकाला जाए। चेन्नई में चीनी कॉन्सुलेट और चेंगदू में भारतीय कॉन्सुलेट स्थापित किया जाएगा। हमें एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होना होगा और आपसी विश्वास को बढ़ाने की जरूरत है।

वहीं चीनी पीएम केकियांग ने कहाकि, हम एशिया के लिए दो इंजन के रूप में काम करेंगे। यदि वास्तव में एशिया की सदी आएगी तो इसके लिए चीन या भारत को अपनी समस्याओं को काबू करना होगा और आगे बढ़ना होगा।

इससे पहले चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑफ ऑनर भी दिया गया। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई।