अमृतसर। अकाल तख्त प्रमुख ज्ञानी गुरबचन सिंह के सिख दंपत्तियों के तीन बच्चे पैदा करने के बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। मंगलवार को उन्होंने कहाकि, एक तरफ दो लोगों का परिवार है और एक तरफ 10 लोगों का। सबको पता है कि किसके पास ज्यादा वोट है और कौन जीतेगा। यही कारण है कि मैं सिखों को कहता हूं कि वे ज्यादा बच्चे पैदा करें। इस्लाम में परिवार ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं और इसलिए वे राजनीति में निर्णय लेते हैं। राजनीति वोटों पर निर्भर करती है और मुस्लिम बड़े वोट बैंक है।

उन्होंने आगे कहाकि, यह पहली बार नहीं है जब मैं सिखों को तीन-चार बच्चे पैदा करने को कह रहा हूं। जो कुछ भी मैंने कहा उससे केवल एक फीसदी लोग असहमत होगे बाकी 99 प्रतिशत लोग इससे सहमति रखते हैं। हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहाकि, समुदाय की घटती जनसंख्या को सही करने का यही तरीका है।

उन्होंने कहाकि, पहले के जमाने में लोगों के ज्यादा बच्चे हुआ करते थे और वे गलत करने पर उन्हें डांट भी देते थे। लेकिन अब माता-पिता ऎसा करने से डरने लगे हैं, कि कहीं ऎसा करने पर बच्चे कोई गलत कदम न उठा लें। इसलिए सिख परिवारों को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। ज्यादा बच्चे होने पर माली हालत भी ठीक होती है। उनके इस बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है। एसजीपीसी के पूर्व सचिव मंजीत सिंह ने कहाकि, सिख धर्म संख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर आधारित है।