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हाशिमपुरा पीड़ितों से हमदर्दी आज़म खां का राजनैतिक स्टंट: रिहाई मंच

अगर सच में दुखी हैं तो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराएं सीबीआई जांच

लखनऊ । रिहाई मंच ने नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान द्वारा हाशिमपुरा जनसंहार की बरसी पर 21 मई को दिल्ली में कैंडिल मार्च आयोजित करने को हाशिमपुरा के हिंसा पीडि़त मुसलमानों के साथ एक क्रूर मजाक बताया है। मंच ने कहा है कि हाशिमपुरा को लेकर आजम खान का यह बयान कि मामले में फैसला आया है इंसाफ नहीं हुआ, सपा सरकार द्वारा प्रदेश के मुसलमानों को एक बार फिर से भरमाने की कोशिश है। मंच ने कहा कि एक तरफ आजम खान हाशिमपुरा के फैसले पर दिल्ली में कैंडिल मार्च करने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं लखनऊ में 26 अप्रैल को रिहाई मंच द्वारा हाशिमपुरा जनसंहार पर आयोजित कार्यक्रम को हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए खतरा बताते हुए सपा सरकार ने अनुमति को निरस्त किया था। यह साबित करता है कि सपा सरकार इस जनसंहार के पीडि़तों को कोई इंसाफ देने नहीं जा रही है और कैंडिल लाइट जैसी ’ सपाई’ ड्रामेबाजी का आयोजन वोट बैंक बचाने का एक राजनैतिक स्टंट भर है।   

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि अगर आजम खान हाशिमपुरा पर अदालती फैसले से इतने ही दुःखी हैं तो फिर इस पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई या एसआईटी से कराने की घोषणा क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी पहली बार सत्ता में नहीं आई है और यह सवाल जरूर पैदा होता है कि इसके पहले सत्ता में रही सपा सरकार ने पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए क्या किया? बल्कि आरोपी पुलिस वालों को सपा सरकार में लगगातार प्रमोशन तक दिया गया। ऐसे में आजम खान को ऐसे आयोजन का कोई नैतिक हक नही है। मुहम्मद शुऐब ने कहा कि अपने को मुसलमानों की हितैषी बनने वाली समाजवादी पार्टी की यह सरकार अन्य सरकारों की तरह हाशिमपुरा मामले में पूरी तरह गुनहगार है। 

रिहाई मंच के नेता राजीव यादव ने मांग की है कि प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर अब तक जितने भी आयोग गठित हुए हैं उनकी रिपोर्टों को सबसे पहले सार्वजनिक करें। प्रदेश की आवाम को यह जानने का हक है कि आखिर इन रिपोर्टों में क्या लिखा है? आजम खान का यह कहना कि प्रदेश सरकार इस केस की फिर से जांच कराने की अपील करेगी और वे खुद भी अदालत जाएंगे, महज एक धोखा भर है क्योंकि वह इस मुकदमें में वादी तक नहीं है। राजीव यादव ने कहा कि जो विवेचना हुई है उसके आधार पर हाई कोर्ट से भी पीडि़तों को कुछ भी हासिल होने वाला नही हैं। जब तक नए सिरे से विवेचना नही होती, इंसाफ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार में फिर से विवेचना कराने का सामथ्र्य ही नहीं है क्योंकि तब उसकी हिन्दुत्व के पोषण की राजनीति ही मुसीबत में फंस जाएगी। राजीव यादव ने कहा कि अब जनता इंसाफ की हत्यारी समाजवादी पार्टी सरकार की असलियत जान चुकी है और वह ऐसे आयोजनों से दूर ही रहेगी।

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