सिर्फ बातचीत को ही शांति की स्थापना का एकमात्र रास्ता: पाक उच्चायुक्त 

तौक़ीर सिद्दीक़ी 

लखनऊ : भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने आतंकवाद को दोनों ही मुल्कों की साझा चुनौती करार देते हुए आज कहा कि अफगानिस्तान के बाद उनके मुल्क ने ही दहशतगर्दी से सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है और हिन्दुस्तान तथा पाकिस्तान के बीच बातचीत दोबारा शुरू किये बगैर दोनों मुल्कों के बीच सम्बन्धों का सिलसिला मजबूती से आगे नहीं बढ़ सकता।

पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि दहशतगर्दी एक बड़ी समस्या है। पिछले 35 वर्षों में पाकिस्तान में आतंकवाद की वारदात में 60  हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 100 अरब से ज्यादा का नुकसान हुआ है। दहशतगर्दी भारत और पाकिस्तान दोनों के ही सामने साझा चुनौती है।

सिर्फ बातचीत को ही शांति की स्थापना का एकमात्र रास्ता बताते हुए बासित ने कहा, दहशतगर्दी के मुद्दे पर अगर आपको (भारत) कुछ शिकायतें हैं तो कुछ शिकायतें हमारी भी हैं और यह शिकायतें आपस में बातचीत करके ही दूर की जा सकती हैं। 

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम नवाज शरीफ का शरीक होना बहुत अच्छी पहल थी, लेकिन अफसोस यह है कि वह व्यर्थ हो गयी। भारत और पाकिस्तान पिछले एक साल से बातचीत नहीं कर रहे हैं।  हमें राजनीतिक माहौल को भी साथ लेकर चलना होगा।

दाऊद पाकिस्तान में नहीं 

मुंबई बम धमाकों का मोस्ट वांटेड आरोपी दाऊद इब्राहीम के पाकिस्तान में होने की बात पर पाक हाई कमिश्नर ने स्पष्ट रूप से इंकार करते हुए कहा कि दाऊद इब्रा हीम पाकिस्तान में नहीं है । 

ज़कीउर्रहमान लखवी 

पाकिस्तान को दहशतगर्दी का सबसे बड़ा शिकार बताने वाले अब्दुल बासित से जब यह कहा गया कि दहशतगर्दी के मुद्दे पर पाकिस्तान का दोहरा पैमाना है। पाकिस्तान में 26 /11  हमले का मुख्य आरोपी ज़कीउर्रहमान लखवी खुले आम पाकिस्तान में घूम रहा है और भारत को मिटा देने की बात कर रहा है। बासित ने कहा हमें अदालत की इज़्ज़त करनी चाहिए, ज़कीउर्रहमान लखवी के खिलाफ मुक़दमा चल रहा है  । 

सरक्रीक और सियाचीन 

पत्रकारों द्वारा जब बार बार सीमा पार आतंकवाद के सवाल उठाये जाने पर पाक हाई कमिश्नर ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू होने दीजिये, कश्मीर पर भी बात होगी, सरक्रीक और सियाचीन पर चर्चा होगी , साथ में आतंकवाद पर भी बात होगी जिससे दोनों देश प्रभावित हैं ।  

फिक्की के सम्मलेन को भी सम्बोधित किया 

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने उद्योग मण्डल ‘फिक्की’ द्वारा यहां आयोजित ‘व्यावसायिक परिचर्चा’ में कहा कि व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने के लिये हमें लगातार आगे बढ़ना होगा।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि वर्ष 2011 में दोनों मुल्कों ने छह अरब डॉलर का परस्पर व्यापार करने का लक्ष्य रखा था लेकिन राजनीतिक उतार-चढ़ाव के कारण वह अभी तक पूरा नहीं हो सका। इस वक्त दोनों देशों का आपसी व्यापार दो अरब 70 करोड़ डालर तक ही सीमित है।

व्यापार के लिहाज से एक-दूसरे पर निर्भरता और परस्पर निवेश बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एक-दूसरे पर निर्भरता बढ़ाना जरूरी है और दोनों मुल्कों के व्यापारियों का एक-दूसरे के देशों में निवेश करना भी आवश्यक है। सिर्फ व्यापार करने से बात नहीं बनेगी, निवेश भी करना होगा।

बासित ने दावा किया कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक असंतुलन भारत के पक्ष में बढ़ रहा है। दोनों मुल्कों के बीच जब भी फिर से बात शुरू होगी तो इस बिंदु पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी बराबर का मौका मिलेगा।

फिक्की की उत्तर प्रदेश परिषद के अध्यक्ष एल. के. झुनझुनवाला ने इस मौके पर कहा कि भारत और पाकिस्तान के आपसी व्यापारिक रिश्तों पर राजनीतिक उतार-चढ़ाव का काफी असर पड़ता है और फिक्की इन सम्बन्धों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।