दंतेवाड़ा: माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में अगवा किए गए करीब 300 ग्रामीणों को रिहा कर दिया है, लेकिन जनअदालत लगाकर इन्हीं में से एक ग्रामीण सदाराम की हत्या भी कर दी है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बस्तर दौरे से ठीक पहले माओवादियों ने सुकमा के तोंगपाल थाना क्षेत्र में बारेंगा गांव से कुछ ग्रामीणों को अगवा कर लिया था। उसके बाद से इन ग्रामीणों की रिहाई का इंतजार किया जा रहा था।

पुलिस का कहना है कि माओवादियों ने जिस ग्रामीण सदाराम की हत्या की है, वह पुल बना रही परियोजना में मुंशी का काम कर रहा था। फिलहाल सदाराम के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।

इससे पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उग्रवादियों द्वारा अगवा किए गए ग्रामीणों की संख्या के बारे में पुलिस अधिकारियों के परस्पर विरोधी दावों के बाद पत्रकारों से कहा, ‘करीब 200 से 250 ग्रामीणों को अगवा कर लिया है और 4-5 अन्य (स्थानीय) उनकी रिहाई के लिए बात कर रहे हैं।’

कहा जा रहा है कि माओवादियों ने गांव वालों को पीएम की रैली में जाने से रोकने के लिए ऐसा किया था। जानकार कह रहे हैं यह इसलिए भी किया गया ताकि माओवादी मीडिया का ध्यान आकर्षित कर सकें।

वहीं, आईजी बस्तर एसआरपी कल्लुरी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि बंधक बनाए गए लोग पीएम मोदी की रैली में आ रहे थे। उनके अनुसार दंतेवाड़ा के मारेंगा में माओवादियों ने 7-8 मजदूरों का अपहरण किया था, जिन्हें छुड़ाने के लिए बातचीत करने के लिए कुछ गांव वाले गए थे, जिन्हें माओवादियों ने रोक लिया है।

उधर, सुकमा जिले के एएसपी हरीश राठौड़ का कहना है कि 300 से ज्यादा लोगों को माओवादियों ने अगवा किया है। इन सभी लोगों को अगवा कर मारेंगा गांव ले जाया गया है। माओवादी मारेंगा गांव के पास पुल बनाए जाने से नाराज थे। इसके विरोध में माओवादियों ने यह कार्रवाई की है।