लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खण्डपीठ की टिप्पणियों को उ0प्र0 लोक सेवा आयोग और प्रदेश की सपा सरकार को आइना दिखाना बताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने सपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणियां भ्रष्टाचार और सरकार की मनमर्जी के विरूद्ध है। उन्होंने आरोप लगागया कि उ0प्र0 लोक सेवा आयोग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है तथा इसकी विश्वसनीयता संदेश के घेरे में है। माननीय उच्च न्यायालय ने भी आयोग की विश्वसनीयता पर टिप्पणी की है।

डा0 मिश्र ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणियां प्रदेश के लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली पर जोरदार तमाचा है। प्रदेश की पी.सी.एस. की प्री का पर्चा आउट होने पर माननीय न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की है। आयोग पर छात्रों के विश्वास पर भी टिप्पणी की है। इस भ्रष्टाचार का असर आगे वाली पीढ़ी पर पड़ने वाला है। आयोग अपने संवैधानिक दायित्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहा है, आयोग अपने संवैधानिक दायित्यों का निर्वहन करे। 

प्रवक्ता डा0 मिश्र ने हमला करते हुए कहा कि आयोग की अदूरदर्शिता और भ्रष्टाचार के कारण दूसरी पाली में 2,62,190 मंे से 2849 लोगो ने परीक्षा छोड़ दी। इन लगभग 3 हजार अभ्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। प्रदेश का लोक सेवा आयोग इन तीन हजार अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए जिम्मेदार है।

डा0 मिश्र ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खण्डपीठ का निर्णय कि मनमाने तरीके से मुकदमें नहीं हटा सकती सरकार, सपा सरकार के मुहँ पर जोरदार तमाचा है। अपराधियों और आंतकियों पर मुकदमें वापस करने की सरकार के इतिहास पर माननीय न्यायालय ने चोट की है। कचहरी बम ब्लास्ट के आरोपी पर जनहित में मुकदमा वापस लेने का प्रयास इसी सपा सरकार ने किया था। बाद में उसे बम ब्लास्ट का दोषी मान माननीय न्यायालय में आजीवन कारावास सुनाया। सपा सरकार आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने के लिए भी कुख्यात ही है। 

डा0 मिश्र ने कहा कि दोनों ही मामलों में आयोग और सरकार पर अगुँली उठी है। प्रदेश की जनता के नजरों से भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार, भर्तियों में घोटाले छिपे नही है और न ही कानून व्यवस्था के खिलवाड़ छिपा है।