समस्याओं के समाधान के लिए जताई प्रतिबद्धता, किसानों का बढ़ाया हौसला 

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसानों की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ उन्हें वैज्ञानिक तौर-तरीकों से खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु और अधिक प्रतिबद्धता से काम किया जाए। किसानों को बीज सहित अन्य सभी इनपुट्स समय से उपलब्ध कराए जाएं। अवकाश प्राप्त एवं कार्यरत कृषि वैज्ञानिकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, जिससे किसान उनके सुझावों का सीधे लाभ उठाकर अपनी पैदावार बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्रों के किसानों को भी प्रदेश के किसानों की तरह ही प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके यहां कृषि एवं किसानों के सम्बन्ध में मुकम्मल वैकल्पिक व्यवस्था होने के कारण वहां के किसान ऐसी समस्याओं का सामना आसानी से कर लेते हैं। 

मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्मय से प्रदेश के किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान, फिलीपीन्स के अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक डाॅ. वी.एन. सिंह, आई.आर.आर.आई. के वरिष्ठ धान वैज्ञानिक डाॅ. सुधांशु, केन्द्रीय लवण अनुसंधान केन्द्र, करनाल के वैज्ञानिक डाॅ. वी.के. मिश्रा, केन्द्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिक डाॅ. तपेन्द्र कुमार तथा चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के डाॅ. महक सिंह भी उपस्थित थे, जिन्होंने विभिन्न जनपदों के किसानों द्वारा मांगे गए सुझावों पर विस्तार से सलाह दी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष को किसान वर्ष घोषित किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए संचालित योजनाएं को किसानों तक शत-प्रतिशत पहुंचाया जाए। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग द्वारा किसानों को वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा सलाह दिए जाने के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि दो तरफा संवाद से प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा। इससे किसान खुशहाल होंगे और प्रदेश भी तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। किसानों एवं ग्रामीण क्षेत्र की खुशहाली के लिए कई अन्य योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं, जिनमें सड़कों एवं पुलों का निर्माण, विद्युत व्यवस्था में सुधार आदि शामिल है। पर्यावरण के प्रभावित होने, आंधी-तूफान, बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है। वर्तमान राज्य सरकार ऐसे मामलों में तत्परता से काम करते हुए उन्हें राहत पहुंचाने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जिलों को 1455 करोड़ 57 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। राज्य सरकार किसानों को पूरे देश में सबसे अधिक मुआवजा दे रही है। भारत सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को मात्र 13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर का अधिकतम मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दे रही है। इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए न्यूनतम सहायता राशि 750 रुपए प्रति व्यक्ति है, जबकि राज्य सरकार के मुताबिक किसानों के लिए न्यूनतम सहायता राशि 1,500 रुपए प्रति व्यक्ति है। 

मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि आगामी 11 मई को विभिन्न बीमा कम्पनियों, बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक आहूत की गई है, जिसमें कृषि बीमा सहित किसानों से सम्बन्धित अन्य समस्याओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। 

इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी, कृषि सलाहकार रमेश यादव, कृषि उत्पादन आयुक्त आनन्द मिश्र, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।