नई दिल्ली। 26 जनवरी के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत दौरे पर आए अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में आए खर्चे को लेकर आरटीआई के जरिए विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा गया है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने ये कहते हुए जवाब देेने से इनकार कर दिया है कि इससे विदेशी देश के साथ दि्वपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा।

मुंबई के रहने वाले अनिल गलगाली ने आरटीआई दायर कर अमरीकी राष्ट्रपति और उनके साथ आई टीम की मेजबानी पर भारत सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है इसका पूरा ब्योरा मांगा था। इसके अलावा उन्होंने आरटीआई के तहत ये भी पूछा कि ओबामा व उनके प्रतिनिधि मंडल के खान-पान और सुरक्षा में भारत सरकार पर कितना अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है।

आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय के डिप्टी चीफ प्रोटोकॉल अफसर रोहित रतीश ने कहा कि, हर साल भारत सरकार कई देशों के प्रतिनिधि मंडल की मेजबानी करती है। उन्होंने कहा, “ये कहना गलत नहीं होगा कि हर एक विदेशी गणमान्य अतिथि का दौरा अहम होता है। इस परिस्थिति में अलग-अलग गणमान्य व्यक्ति पर भारत सरकार द्वारा किया गया खर्च अलग होता है और ये मुद्दा सरकार के लिए संवेदनशील है।”