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पर्यावरणीय संतुलन बनाने पर प्रदेश सरकार कटिबद्ध

मुख्य सचिव ने 05 करोड़ पौधों का वृक्षारोपण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखने के लिये प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 76923.23 हेक्टेयर भूमि पर 05 करोड़ पौधों का वृक्षारोपण कराये जाने के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराये जाने एवं वनावरण तथा वृक्षाच्छादन में वृद्धि हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाना प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम को जनोन्मुखी और अधिक प्रभावी बनाने के दृष्टिगत किसानों एवं आम नागरिकों को प्रेरित कर उनकी निजी भूमि पर वृक्षारोपण कराये जाने हेतु सभी विकास विभागों-उद्यान, ग्राम्य विकास, नगर विकास, रेशम, युवा कल्याण, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, गन्ना, कृषि, लोक निर्माण, सिंचाई, औद्योगिक विकास, आवास, ऊर्जा, गृह, पशुपालन, दुग्ध विकास, पंचायती राज, खाद्य एवं रसद, समाज कल्याण, राजस्व, बाल विकास, पर्यावरण, चिकित्सा, सहकारिता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, रक्षा, सेना, सैनिक कल्याण का अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि बच्चों में पौधों के प्रति प्रेम जागृत करने एवं वृक्षारोपण के महत्व को उजागर करने हेतु शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक स्कूली बच्चों को एक-एक पौध रोपित करने हेतु प्रेरित किया जाय। 

मुख्य सचिव ने यह निर्देश सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव तथा प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं समस्त प्रभागीय वनाधिकारी/प्रभागीय निदेशक (सामाजिक वानिकी) को परिपत्र निर्गत कर दिए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर प्रत्येक जनपद में संयोजक प्रभागीय वनाधिकारी/प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी तथा सभी कार्यदायी विभागों के जिला-स्तरीय अधिकारी सदस्यों सहित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला वृक्षारोपण समिति द्वारा वृक्षारोपण की सफलता सुनिश्चित किये जाने हेतु समन्वय, नियोजन एवं नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि जिला वृक्षारोपण समितियों द्वारा जनपदों में वृक्षारोपण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर समय से रणनीति तैयार कर जिले के आवंटित लक्ष्यों को शत-प्रतिशत प्राप्त करना सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि निर्धारित वृक्षारोपण लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्तों द्वारा तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारियों द्वारा समय-समय पर प्रगति की समीक्षा बैठक कर वृक्षारोपण से सम्बन्धित तैयारियों एवं प्रगति का अनुश्रवण किया जाय। 

श्री रंजन ने निर्देश दिये कि प्रदेश में जुलाई, 2015 के प्रथम सप्ताह में वन महोत्सव अवश्य मनाया जाय। उन्होंने रोपित की जाने वाली प्रजातियों के सम्बन्ध में यह भी निर्देश दिये हैं कि पौध रोपण में यथासंभव स्थानीय प्रजातियों के रोपण को प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि भूमि उपयोग करने वाले ऊर्जा, औद्योगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई, लोक निर्माण, ग्राम्य विकास, सहकारिता विभाग अपने विभागीय बजट से खाली पड़ी सरकारी भूमि पर वृक्षारोपण कार्य करायें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यदायी विभाग द्वारा आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु वृक्षारोपण स्थल का चयन, रोपित किये जाने वाले पौधों का स्थल तथा प्रजातिवार संख्या का अनुमान, पौधों की प्राप्ति के लिए स्रोत (पौधशाला) का चिन्हीकरण, वृक्षारोपण क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी कर्मचारी/व्यक्ति का नाम आदि विवरणों सहित विस्तृत कार्ययोजना बनायी जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि वृक्षारोपण कार्य को वर्षा प्रारम्भ होते ही शुरू कराया जाय तथा वर्षाकाल के अन्त तक इसे निश्चित रूप से पूर्ण करा लिया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिला स्तरीय वृक्षारोपण समिति द्वारा वृक्षारोपण के रख-रखाव पर विशेष बल दिया जाय। 

मुख्य सचिव ने कहा कि वृक्षरोपण कार्य में सरकारी भूमि पर कराये जाने वाले वृक्षारोपण का स्थलीय सत्यापन अवश्य कराया जाय। उन्होंने कहा कि वन विभाग के विभागीय वृक्षारोपण का शत-प्रतिशत स्थलीय सत्यापन सम्बन्धित वन संरक्षकों द्वारा अन्तर्विभागीय जांच दलों से कराया जाय। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों के विभागीय वृक्षारोपण कार्यों का स्थलीय सत्यापन जिलाधिकारीगण जिला वृक्षारोपण समिति के माध्यम से अन्तर्विभागीय जांच समितियां गठित कर कराया जाना सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों द्वारा कराये जा रहे वृक्षारोपण के कुल लक्ष्य का 05 प्रतिशत सत्यापन विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव द्वारा किया जाये। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वृक्षारोपण कार्यों की साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट शासन तथा अपर प्रमुख वन संरक्षक (सामाजिक एवं कृषि वानिकी) को जुलाई 2015 के प्रथम सप्ताह से वृक्षारोपण की समाप्ति तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त कराये जाने वाले समस्त वृक्षारोपण कार्य अग्रिम मृदा कार्य, अनुरक्षण कार्य एवं पौधशाला कार्यों की पूरी सूची एवं भौतिक तथा वित्तीय विवरण विभागीय एवं जिले की एन0आई0सी0 वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाये।

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