लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अखिलेश सरकार में तमाम दावों के बीच आधी आबादी असुरिक्षत है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने राजधानी लखनऊ के सुपर सेन्सिटीव जोन में बढ़ रही छेड़-छाड़ की घटनाओं को सरकार की विफलता बताते हुए कहा कि अखिलेश राज में सड़क से लेकर थानों के अंदर तक महिलायें असुरक्षित है। उच्च स्तर पर राजनैतिक संरक्षण प्राप्त शोहदे राजधानी की सड़कों पर शरेआम तान्डव करते है, पुलिस मौन रहती है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सी.सी.टी.वी. कैमरे के भरोसे कई बार यातायात नियत्रिंत करती पुलिस को शोहदों की छेड़छाड़ क्यों नहीं दिखती, स्पष्ट है दिखती तो है, पर राजनैतिक रसूख के आगे बेबस है पुलिस।

पार्टी मुख्यालय पर सोमवार को राज्य में लगातार बढ रही, महिला उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटानाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि दावे तकनीकी के बेहतर इस्तेमाल के हो रहे, किन्तु इन तकनीकी का प्रयोग कर रहे लोग जब राजनैतिक दबाव से उबरेगे तब तो इसका लाभ होगा। उन्होंने राजधानी लखनऊ में बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राजधानी में बेहतर पुलिसिंग के दावे किए गये जगह-जगह ‘‘आप कैमरे की जद में है’’ की पट्टीकांऐ लगी है, किन्तु राजधानी के हृदय स्थल हजरतगंज में शरेआम शोहदे युवती के साथ छेड़छाड़ करने में जुट जाते है, वह तो भला हो आम जन की कि उनके सक्रिय होने से शोहदे भाग खड़े होते है, इसी प्रकार इंजिनियरिंग कालेज चैराहे पर युवतियों से छेड़छाड़ होती है, छात्रा साहस दिखाते हुए एक शोहदे को पकड़ भी लेती है किन्तु बाद में हाथ छुड़ा शोहदा रफू चक्कर हो जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के समाचार अखबारों की सूर्खियां बने हुए है, झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के भवईगिर्द गांव में तो शोहदे से परेशान युवती ने मौत को ही गले लगा लिया। जबकि अखिलेश की पुलिस के हाल है कि सरेआम बीच सड़क पर इश्कबाजी पर उतारू है। लखीमपुर में तो सुखराम सिंह यादव ने सड़क पर ही रासलिला शुरू कर दी। लखनऊ में महिला कास्टेबल को अश्लील विडियो दिखाने के मामले विशाखा कमेटी ने तो एस.ओ. को दोषी मानते हुए प्राथमिकी तक दर्ज किए जाने की सिफारिश कर दी। एक थाने में तो दरोगा ने फरियादी के साथ इश्क का खेल खेलना शुरू कर दिया।

श्री पाठक ने कहा कि महिला उत्पीड़न के तमाम मामलों में सपा के नेता अभियुक्त और आरोपी है। समाजवादी पार्टी की महिलाओं के प्रति गलत धारणा और नजरिये के कारण राज्य की आधी आबादी असुरक्षित है। 1090 से लेकर, सी.सी.टी.वी. कैमरों तथा आधुनिक वाहनों से बेहतर पुलिसिंग के दावे के बीच सच्चाई है कि अति सुरक्षित जोन भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि चाहे बीते दिनों राजभवन से वी.वी.आई.पी. गेस्ट हाउस के बीच युवती से छेड़छाड़ का मामला रहा हो अथवा अब हजरतगंज का, हर बार पुलिस के पास सी.सी.टी.वी. फुटेज होने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं हुई, जबकि कई बार लखनऊ पुलिस इन सी.सी.टी.वी. कैमरों के भरोसे यातायात प्रबंधन करती हुए देखी भी जाती है।