संयुक्त राष्ट्र : लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी की पाकिस्तान की जेल से रिहाई को वैश्विक संस्था के प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए भारत द्वारा चिंता जताये जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक समिति ने भारत को आश्वासन दिया है कि मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड के मुद्दे को वह अपनी अगली बैठक में उठाएगी।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने यूएनएससी अलकायदा प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष राजदूत जिम मैकले को पत्र लिखकर लखवी की रिहाई पर चिंता जताई और कहा कि यह अलकायदा और उससे जुड़े लोगों तथा संगठनों से संबंधित समिति के प्रावधानों का उल्लंघन है।

भारत ने यह भी जिक्र किया कि आतंकवादी सूची में नाम दर्ज होने के कारण लखवी न तो रकम प्राप्त कर सकता है और न ही अपनी संपत्ति किसी को दे सकता है चूंकि उसकी वित्तीय संपत्तियों पर रोक लगी होगी। आतंकवादियों की सूची में नाम दर्ज होने के चलते लखवी के लिए भेजी गई जमानत राशि भी प्रतिबंध समिति के प्रावधानों का उल्लंघन है।

सूत्रों ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत की चिंताओं पर गौर करते हुए मैकले ने भारत की ओर से मिले पत्र पर प्रतिक्रिया दी और आश्वासन दिया कि समिति की अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। समिति की अगली बैठक अगले कुछ दिनों में होनी निर्धारित की गई है। समिति ने दिसंबर 2008 में लखवी को एलईटी तथा अलकायदा से जुड़े आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध किया था।

आतंकी सूची में नाम दर्ज होने के कारण लखवी की संपत्ति पर रोक, उसकी यात्रा पर प्रतिबंध है। समिति ने कहा कि आतंकवादी अभियानों का मुखिया और लश्कर ए तैयबा का मिल्रिटी कमांडर होने के नाते लखवी ने इराक और दक्षिण-पूर्व एशिया समेत कुछ इलाकों में इसके अभियानों को निर्देशित किया है।

समिति की वेबसाइट के अनुसार, बीते वर्षों में लखवी ने लश्कर ए तैयबा की धन उगाही गतिविधियों खासतौर से लश्कर ए तैयबा की ओर से अलकायदा के सहयोगियों से चंदा लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उसने अफगानिस्तान में एक प्रशिक्षण शिविर का भी प्रबंधन किया है। लखवी की रिहाई पर अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और जर्मनी ने भी चिंता जताई है और अमेरिका ने उसे दोबारा गिरफ्तार करने की भी मांग की है।