लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में आजमगढ़, मथुरा और ज़िले में चार नई तहसीलें तहसील बनाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान की गयी। मंत्री परिषद ने आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। 

मंत्रिपरिषद ने जनपद आजमगढ़ में मार्टिनगंज को तहसील बनाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। इसका मुख्यालय महुआ नेवादा (मार्टिनगंज विकासखण्ड के बगल में) होगा। जनहित, लोकहित, प्रशासनिक दृष्टि से निर्धारित मानकों में शिथिलीकरण करते हुए उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति पर मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय लिया है। इसी तरह जनपद मथुरा में गोवर्धन तथा जनपद ललितपुर में पाली व मड़ावरा को तहसील बनाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। जनहित, लोकहित, प्रशासनिक दृष्टि से निर्धारित मानकों में शिथिलीकरण करते हुए उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति पर मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय लिया है। नवसृजित तहसील गोवर्धन का मुख्यालय गोवर्धन, पाली का मुख्यालय पाली तथा मड़ावरा का मुख्यालय मड़ावरा होगा।

तिल उत्पादन बुन्देलखण्ड क्षेत्र को अतिरिक्त अनुदान

मंत्रिपरिषद ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में तिल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सेक्टर से अतिरिक्त अनुदान की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के कृषक तिल की खेती को अधिक क्षेत्रफल में कर सकें। इस निर्णय के फलस्वरूप अब तिल पर पूर्व में देय 20 रुपए प्रति किग्रा0 अनुदान के अतिरिक्त 80 रुपए प्रति किग्रा0 अनुदान दिया जाएगा।

औसतन एक हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 5 किग्रा0 तिल के बीज की आवश्यकता होती है। इस प्रकार प्रति हेक्टेयर 400 रुपए अनुदान देय होगा। बुन्देलखण्ड में कुल 3.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिल की खेती हेतु वर्ष 2015-16 में कुल 13 करोड़ रुपए अतिरिक्त व्यय भार आएगा। यह धनराशि पूर्व से संचालित प्रमाणित बीजों पर अनुदान की योजना में प्राविधानित धनराशि से ही व्यय की जाएगी। आवश्यकता होने पर पुनर्विनियोग अथवा अनुपूरक मांग के माध्यम से भी धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।

वर्ष 2015-16 में योजना के सफल होने पर इसी अनुदान पैटर्न पर योजना को आगामी वित्तीय वर्षों में क्रियान्वित किए जाने हेतु विभागीय मंत्री को अधिकृत किए जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है। बुन्देलखण्ड के तिल की खेती करने वाले समस्त किसानों को यह अनुदान अनुमन्य होगा।

ज्ञातव्य है कि रबी सत्र वर्ष 2014 तथा 2015 में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से कृषकों की फसलों की बहुत क्षति हुई है। अतः कम लागत, सूखे की सहनशक्ति रखने वाली तथा अच्छी आय देने वाली फसल होने के कारण बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खरीफ 2015 में तिल की खेती को प्रोत्साहित करने की योजना प्रस्तावित है। योजना से एक ओर जहां खरीफ आच्छादन में वृद्धि होगी, वहीं कृषकों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। 

आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों को औषधियों के प्रयोग का अधिकार  

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1939 के तहत आयुर्वेदिक एवं यूनानी के पंजीकृत चिकित्सकों को जनहित में सीमित आधुनिक औषधियां (एलोपैथिक ड्रग्स) लिखने का अधिकार देने का निर्णय लिया है। इसके लिए अधिनियम 1939 की धारा 39 में संशोधन किया जाएगा। मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया है कि ड्रग्स एवं काॅस्मेटिक अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत इस सम्बन्ध में एक अधिसूचना भी जारी की जाए। 

ज्ञातव्य है कि वर्तमान सरकार की यह मंशा रही है कि प्रदेश के समस्त जनपदों में, विशेष रूप से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती एवं गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एक तरफ आधुनिक चिकित्सा विधा के चिकित्सकों (एम.बी.बी.एस. डिग्री धारक) की कमी है, वहीं काफी संख्या में भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक (आयुर्वेद अथवा यूनानी डिग्री धारक) उपलब्ध रहते हैं। आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों द्वारा आधुनिक औषधियों के प्रयोग पर प्रतिबंध होने के कारण रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध नहीं हो पाता है। विगत वर्षों में चिकित्सकों की अत्यधिक कमी एवं आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों की उपलब्धता एवं क्षमता के दृष्टिगत महाराष्ट्र, हरियाणा इत्यादि प्रदेश सरकारों द्वारा आवश्यक विधायी संशोधन के माध्यम से अपने-अपने प्रदेशों में इन चिकित्सकों को आधुनिक औषधियों के प्रयोग का अधिकार दिया गया है। इस परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में विषम/प्राथमिक/आपातकालीन परिस्थितियों में रोगियों को त्वरित एवं समुचित उपचार मुहैया कराने के लिए मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों को कतिपय विधिक संरक्षणात्मक प्रतिबंधों के साथ आधुनिक औषधियों के प्रयोग का अधिकार प्रदान किया है। 

लोहिया ग्रामीण आवास योजना के लिए हुडको को मिली शासकीय गारण्टी

मंत्रिपरिषद ने लोहिया ग्रामीण आवास योजना के संचालन हेतु हुडको से 1500 करोड़ रुपए की धनराशि 8.5 प्रतिशत की दर पर (जो घट-बढ़ सकती है) उत्तर प्रदेश ग्रामीण आवास परिषद के माध्यम से लिए जाने वाले ऋण के सापेक्ष हुडको को शासकीय गारण्टी दिए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। चूंकि ग्रामीण आवास परिषद की आय का अपना कोई निजी स्रोत नहीं है, इसलिए प्रदान की जाने वाली शासकीय गारण्टी के शुल्क के रूप में ली जाने वाली धनराशि से भी ग्रामीण आवास परिषद को मुक्त रखने का निर्णय भी मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।

ज्ञातव्य है कि प्रदेश में लोहिया ग्रामीण आवास योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 से संचालित है। यह योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है।

स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी पदों की वेतन विसंगति दूर करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के पदों की वेतन विसंगति के प्रकरण पर मुख्य सचिव समिति की सिफारिशों को अनुमोदित करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तत्काल प्रभाव से उच्चीकृत/संशोधित ग्रेड वेतन 4600 रुपए तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के पद पर तत्काल प्रभाव से उच्चीकृत/ंसंशोधित वेतन बैण्ड-2 एवं ग्रेड वेतन 4800 रुपए  प्रदान करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पद की अर्हता में कम्प्यूटर संचालन का व्यावहारिक ज्ञान का समावेश किए जाने का निर्णय भी लिया गया है। इस फैसले से लगभग एक हजार कर्मचारी लाभान्वित होंगे तथा इस निर्णय को लागू करने के लिए शासन पर 4 करोड़ 3 लाख रुपए का व्यय भार आएगा।

भारतीय चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार एवं कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 60 वर्ष हुई   

मंत्रिपरिषद ने भारतीय चिकित्सा परिषद उ0प्र0 (परिवर्तित नाम आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड उ0प्र0) के रजिस्ट्रार एवं कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने का निर्णय लिया है।