नई दिल्ली : पिछले साल यूएई और भारत में इंडियन प्रीमियर लीग के सातवें टूर्नामेंट के दौरान बीसीसीआई आईपीएल के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर ने वेतन के तौर पर एक करोड़ 90 लाख रुपए की मांग की है।

गावस्कर को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर आईपीएल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई को उन्हें उपयुक्त भुगतान करने का निर्देश दिया था क्योंकि इस दौरान वह अपनी मीडिया प्रतिबद्धताओं (कमेंटरी और लेख लिखना) को पूरी नहीं कर पाते।

कार्य समिति में विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि गावस्कर ने बोर्ड को भुगतान के बारे में लिखा है। कार्य समिति की बैठक में मौजूद बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘गावस्कर ने बीसीसीआई को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने एक करोड़ 90 लाख रुपये की मांग की है। यह वह राशि है जो वह टीवी कमेंटरी, लेख लिखना और क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में पेश होना जैसी अपनी मीडिया प्रतिबद्वताओं को पूरा नहीं करने के कारण कमाने से वंचित रह गए थे।’

यह पूछने पर कि क्या गावस्कर द्वारा मांगी गई राशि को स्वीकृति दे दी गई है। अधिकारी ने कहा, ‘नहीं, फिलहाल नहीं। लेकिन बेशक उन्हें भुगतान करने की जरूरत है क्योंकि यह उच्चतम न्यायालय का निर्देश है और हमें इस पर काम करने की जरूरत है। यह पत्र वित्त समिति के समक्ष रखा जाएगा जो राशि को स्वीकृति देगी।’ सूत्र ने कहा, ‘गावस्कर को जो राशि मिली वह जो उन्होंने मांगी है उतनी ही होगी या कम यह वित्त समिति की सिफारिशों पर निर्भर करेगा।’ इस बीच पता चला है कि सचिन तेंदुलकर ने सलाहकार समिति में अपनी भूमिका की प्रकृति को लेकर बोर्ड से अधिक सूचना मांगी है।

सूत्र ने कहा, ‘हमें पता चला है कि सचिन की यह जानने में रूचि है कि क्रिकेट विकास में उनके योगदान के संदर्भ उनसे असल में क्या अपेक्षित है। अगर कोई अनुबंध है तो इस अनुबंध का संदर्भ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां क्या हैं।’ माना जा रहा है कि तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ एलीट सलाहकार पैनल का हिस्सा होंगे जो भारत के अगले कोच पर फैसला करेगा और इससे गांगुली तकनीकी रूप से राष्ट्रीय टीम की कोचिंग की दौड़ से बाहर हो गए हैं।