लखनऊ:राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने लाखों छात्रों की छात्रवृत्ति और फीसपूर्ति में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि पहले से किसान मजदूर तथा गरीब असामयिक बरसात व ओलावृष्टि की मार से उबर नहीं पा रहा है जिससे उनकी जीवन शैली के साथ साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुयी है और दूसरी तरफ प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण छात्रवृत्ति और फीसवृत्ति न होने से उनकी पढ़ाई अधर में लटकी है।

चौहान ने गुणवत्तापरक शिक्षा के मसले पर सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये कहा कि इस सरकार में जनहित का कोई भी कार्य बिना अव्यवस्था उत्पन्न किये नहीं हो रहा है क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र कें शिक्षा माफियां और नकल माफियाओं ने शिक्षा जगत को पहले ही बदनाम कर दिया है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का हवाला देते हुये कहा कि सूबे में लगभग 1 करोड़ छात्रों में अब तक सिर्फ 10 फीसदी छात्रों को छात्रवृत्ति तथा फीस प्रतिपूर्ति से लाभन्वित किया गया है बल्कि 1900 करोड़ रूपये गत वित्तीय वर्ष का ही रूका पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि 1100 करोड़ अनुसूचित व सामान्य वर्ग के लिए, 500 करोड़ पिछड़े वर्ग के लिए तथा 300 करोड़ रूपये अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवंटित की गयी धनराषि में 1100 करोड़ का वितरण समाज कल्याण विभाग, 500 करोड़ का वितरण पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा 300 करोड़ अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा वितरण किया जाना था जो नहीं हुआ इससे साबित होता है कि कहीं न कहीं छात्रों के इस आवंटन में भ्रष्टाचार व्याप्त है।

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जानबूझकर छात्रवृत्ति आवंटन प्रक्रिया में संशोधन किया गया क्योंकि पहले जिलास्तर पर विद्यालयों की सूची के अनुसार सम्बन्धित विभागों द्वारा छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति छात्रों में वितरित की जाती थी परन्तु इस बार पूरे प्रदेष के विद्यालयों की सूची विभागानुसार शासन में जमा करा ली गयी। उन्होंने कहा कि सरकार की शिक्षा के प्रति ऐसी उदासीनता से किसानों और गरीबों के बच्चें षिक्षा से वंचित हो जायेंगे क्योंकि पहले ही सुखा, बाढ़ और असामयिक ओलावृष्टि उनकी शिक्षा में रोड़ा बना हुआ है।