काठमांडू। 2 दिन में भूकंप के 40 झटके की मार से पीड़ित नेपाल पर अब एक और प्राकृतिक मुसीबत की मार पड़ी है। ये मार है भारी बारिश की। भारी बारिश के चलते काठमांडू का त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट बंद करना पड़ा है। किसी भी विमान की आवाजाही नहीं हो पा रही है। राहत मिशन में भारत सरकार ने पूरी ताकत झोंकी हुई है, लेकिन बारिश के वजह से राहत और बचाव कार्य पर भी प्रभाव पड़ा है। बारिश के कारण मलबे में दबे शवों से महामारी फैलने का डर भी पैदा गया है। वहीं भूकंप के डर खुले स्थान पर रात बिता रहे लोगों के लिए बारिश खासी परेशानी का सबब बन सकती है।

बता दें, भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि बड़े भूकंप के बाद ऐसे छोटे झटके आते ही हैं, लेकिन इनका सिलसिला कब थमेगा। कुछ कहा नहीं सकता। विभाग ने ये भी चेतावनी दी है कि जिन इलाकों में भूकंप आया है। वहां अगले तीन दिनों में भारी बारिश हो सकती है। आईएमडी के डीजी एल राठौड़ के मुताबिक अगले 48 घंटे बहुत महत्वपूर्ण है। बारिश की संभावना है। इनके अलावा आफ्टरशोक्स और उनकी तीव्रता पर भी बात की है।

भारतीय मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है। नेपाल की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और इस समय वहां भारी बारिश शुरू हो गई है। भारी बारिश के कारण काठमांडू के लिए उड़े भारतीय वायुसेना के दो विमान मौसम खराब होने के कारण वापस लौट आए हैं। ताजा मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल में भूकंप से 2400 से ज्यादा लोग मारे जान की खबर है और तकरीबन 5 हजार लोग घायल हो चुके हैं।