बाराबंकी: लखनऊ, फैजाबाद और बनारस की कचहरी में वर्ष 2007 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले के दो आरोपियों के खिलाफ यहां चल रहे अपराधिक मामले में सुनवाई कर रही अदालत ने एक आरोपी तारिक कासमी को दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। 

मामले में वर्ष दिसंबर 2007 में बाराबंकी शहर में रेलवे स्टेशन के पास से तारिक काजमी व खालिद मुजाहिद को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया था। दो साल पूर्व खालिद मुजाहिद की मौत हो जाने के बाद अब तारिक कासमी को ही सजा सुनाई गई है। 

गौरतलब है कि लखनऊ, फैजाबाद और वाराणसी कचहरी में हुए सीरियल बम विस्फोट के आरोप में एटीएस व एसटीएफ ने 22 दिसंबर 2007 की सुबह खालिद मुजाहिद व तारिक कासमी को बाराबंकी रेलवे स्टेशन के नजदीक एक होटल के पास से गिरफ्तार किया था और इनके कब्जे से जिलेटिन की नौ राड, तीन स्टील बजर और डेटोनेटर बरामद हुए थे। 

बाराबंकी कोतवाली में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। सीओ चिरंजीवी नाथ सिन्हा और राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बड़ी सक्रियता दिखाते हुए केवल तीन माह में ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।   तफ्तीश में तारिक कासमी को उत्तर प्रदेश का हूजी चीफ और खालिद मुजाहिद को यूपी के फौजी दस्ते का कमांडर बताया गया था। इस मामले में आरोपी रहे खालिद मुजाहिद की 18 मई 2013 को मौत हो चुकी है।

इसी मामले में शुक्रवार को जिला कारागार में विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश एसपी अरविंद ने दोपहर करीब 2 बजे तारिक कासमी को दोषी करार दिया है। सजा पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तारिक कासमी को उम्रकैद व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।