लखनऊ: प्रदेश के बेसिक  शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश में अध्यापकों की कमी को दूर करने हेतु प्राथमिकता के आधार पर उनकी भर्ती की जा रही है। 18,127 अध्यापकों की भर्ती की जा चुकी हैं इसके अतिरिक्त 15,000 बी0टी0सी0 अभ्यर्थियों के चयन हेतु कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि  प्राथमिक विद्यालयांे के लिए 72,825 बी0एड0, टी0ई0टी0 अर्हताधारी प्रशिक्षु की भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है।

चौधरी ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालयांे में अध्यापकों की सीधी भर्ती हेतु 29,334 पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में 1,65,306 शिक्षा मित्र कार्यरत थे, जिसमें से प्रथम चरण में प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके 58,903 शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन किया गया है। द्वितीय चरण में लगभग 92,000 शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षणा पूर्ण हो चुका है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के उपरान्त इनके समायोजन की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्रत्येक जनपद के प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड अधिकारी एवं सह-समन्वयक, बी0आर0सी0 द्वारा जनपद के दो-दो विद्यालयों को गोद लेने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में पठन-पाठन की समुचित व्यवस्था एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु राज्य स्तरीय, जनपद स्तरीय एवं विकास खण्ड स्तरीय टास्कफोर्स गठित की गई है। सभी अधिकारियों को विद्यालय निरीक्षण के लक्ष्य आवंटित किये गये हैं, जिसके अनुसार विद्यालयों का निरीक्षण हो रहा है। उन्हांेने कहाकि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त की जा रही हैं। कइ्र जिलों के अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। अभी भी उनमें सुधार नहीं आया हैं उन्होंने कहा कि बी0एस0ए0 अपनी कार्यशैली में सुधार लाये तो प्राथमिक शिक्षा काफी हद तक सुधार हो जायेगा।

उन्होंने बताया कि शिक्षकों की विद्यालयांे में शत-प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैंै। जिन जनपदों में बेसिक शिक्षा की प्रगति खराब पाई जायेगी तो वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा सभी जनपदों में नियुक्तियों को पारदर्शी तरीके से करने के निर्देश दिये गये हैं जहां कहीं पर भी भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होगी वहां कठोर कार्यवाही की जायेगी। वर्ष 2015-16 में शिक्षा सत्र 01 अप्रैल से प्रारम्भ हो गया है। सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ अध्यापकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। जिन विद्यालयों के अध्यापक अनुपस्थित पाये जायेंगे तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह अपने जनपद के विद्यालयों को आकस्मिक निरीक्षण करें।