लखनऊ: प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री प्रो0 शिवाकान्त ओझा ने बताया कि प्रदेश में निर्माणाधीन 35 राजकीय पालीटेक्निकों में से 21 पालीटेक्निकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा इनमें से 12 पालीटेक्निक में शैक्षिक सत्र संचालित करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद गोण्डा की तहसील कर्नेलगंज तथा जनपद फैजाबाद की तहसील मिल्कीपुर में नये पालीटेक्निक की स्थापना का आदेश निर्गत कर दिया गया है तथा इस हेतु वर्ष 2015-16 के बजट में धनराशि की व्यवस्था कर दी गयी है। उन्होंने  कहा कि नये पालीटेक्निकों के सुचारू रूप से संचालन हेतु प्रवक्ताओं एवं विभागाध्यक्षों के कुल 155 पद सृजित किये गये हैं। राजकीय पालीटेक्निकों में विभिन्न विषय के प्रवक्ताओं के सीधी भर्ती के पदों पर लोक सेवा आयोग की संस्तुति के उपरान्त 155 अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की गयी है।

श्री ओझा ने बताया कि राजकीय पालीटेक्निक संस्थाओं में काफी समय से कई प्रकार के पद रिक्त थे। उनमें  प्रधानाचार्यो/विभागाध्यक्षों के कुल 77 पदों पर पदोन्नति की गयी है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अनुदानित राजकीय पालीटेक्निकों को देय अनुदान जो वर्ष 1998 से फ्रीज था, को शासन द्वारा डीफ्रीज  किया गया है। प्रदेश की 79 संस्थाओं को कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत वोकेशनल टेªनिंग प्रोवाइडर के रूप में पंजीकृत किया गया हैं। यह संस्थायें अल्प शिक्षित बेराजगारों युवाओं को अल्पकालीन तकनीकी एवं गैर तकनीकी पाठ्क्रमों में प्रशिक्षित कर रही है जिससे युवा रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार स्थापित कर स्वावलम्बी बनने के अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने बताया कि पालीटेक्निक परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन हेतु परीक्षकों के पारिश्रमिक की दरों में बढ़ोत्तरी की गयी है। उन्होंने बताया कि परिश्रमिक की सीमा  रूपये 10000 से बढ़ाकर रूपये 20000 कर दी गयी है। दूसरी विभिन्न संगठनों द्वारा लम्बे समय से मांग की जा रही थी। इसी प्रकार निर्माणाधीन पालीटेक्निक संस्थाओं की गुणवत्ता की जाच के आदेश दिए गए है। भवनों की गुणवत्ता में कमी पाई जाने पर संबंधित निर्माण एजेंसी को काली सूची में डालने के साथ-साथ उसके विरूद्ध एफ0आई0आर दर्ज कराके कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार से काई समझौता नहीं किया जाएगा।