मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने जिला स्तर पर मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के दौरे के दौरान औपनिवेशिक काल में दिए जाने वाले सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) को बंद करने का निर्णय लिया है और इसे समय एवं संसाधनों की बर्बादी करार दिया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह आदेश सभी मंत्रियों और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों पर लागू होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य पुलिस से सभी जिले में दिए जाने वाले सलामी गारद बंद करने को कहा है।

वीवीआईपी को मुहैया कराई जा रही सुरक्षा में कटौती का हाल ही में आदेश देने वाले फडणवीस ने अपने आदेश में अधिक पुलिस कर्मियों को नगर व्यवस्था में सक्रिय करने को कहा है।

ब्रिटिश काल में दौरे पर आने वाले वीवीआईपी को सलामी गारद दिया जाता था। उस समय, यह सम्मान गर्वनर जनरल और वायसराय को दिया जाता था। अभी, मुख्यमंत्रियों, उनके कैबिनेट सहयोगियों, सभी कनिष्ठ मंत्रियों और यहां तक कि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को भी यह सम्मान दिया जाता है।