नहीं टूटेंगे बाल्मीकियों के मकान, वाल्मीकि ही थे और वाल्मीकि ही रहेंगे 

रामपुर: आखिरकार रामपुर में बाल्मीकियों का मुसलमान बनने का नाटक ख़त्म हुआ और बिना मुसलमान बने ही उनके घर बच गए, रामपुर ज़िला प्रशासन ने वाल्मीकियों को उनके घरों से बेदखल करने और उनके घरों को गिराने के अादेश को वापस ले लिया।  यहां रहने वाले 80 वाल्मीकि परिवार छह अप्रैल से अपने घरों को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे थे और इसके लिए वह मुसलमान बनने के लिए भी तैयार थे क्योंकि उनके अनुसार अगर वह मुसलमान हो जायेंगे तो आज़म खान उनके घरों को टूटने से बचा लेंगे। अब इन आंदोलनकारियों का कहना है कि “हम वाल्मीकि ही थे और वाल्मीकि ही रहेंगे। ” 

क्या है मामला 

प्रशासन ने रामपुर में तोपखाने के निकट स्थित गांधी मॉल तक जाने के लिए सड़क चौड़ी करने के लिए इन मकानों को गिराने का आदेश किया था,  जबकि, इनमे रहने वाले वाल्मीकियों का कहना था कि वे पिछले 60 सालों से इन घरों में रह रहे हैं और यहां की ज़मीन खुद नगर पालिका ने उन्हें आबंटित की थी। उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री माने जाने वाले मोहम्मद आज़म खान का ये चुनावी क्षेत्र है। अपने रिहायशी मकानों को “आज़म खान के कथित आक्रोश” से बचाने के लिए वाल्मीकियों ने 14 अप्रैल को सामूहिक धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बनने की घोषणा की थी। इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया था और भाजपा व हिंदूवादी संगठन इस मामले पर लगातार हमले कर रहे थे। अपने ऊपर लगे आरोपों से व्यथित आज़म खां ने कल देश छोड़कर जाने की भी बात कह दी थी ।