रामपुर। रामपुर में तोपखाना रोड स्थित वाल्मीकि बस्ती के अतिक्रमण का मुद्दा आंदोलनकारियों के इस्लाम कुबूल करने की चेतावनी के बाद गर्माता जा रहा है। जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी आंदोलनकारी वाल्मीकि समाज के लोग आज बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिन के मौके पर धर्म परिवर्तन पर आमादा हैं।
वाल्मीकि समाज के पीड़ितों ने देर रात बैठक कर कल धर्मपरिवर्तन की रणनीति बनाई। दरअसल, रामपुर में तोपखाना रोड स्थित नवनिर्मित शॉपिंग मॉल से ही सारा झमेला जुड़ा हुआ है। मॉल के पास बनी वाल्मीकि बस्ती पर आजम खां के इशारे पर नगरपालिका मॉल की पार्किंग बनाना चाहती है। वाल्मीकि बस्ती से अतिक्रमण हटाने के लिए गिराने वाले 67 मकानों पर पालिका द्वारा निशान लगाए गए और विरोध ने जोर पकड़ लिया।
पालिका की इस कार्यवाही के विरोध में वाल्मीकियों ने बीते आठ अप्रैल को जुलूस निकाला और आजम विरोधी नारे लगाए। आजम के शहर में आजम का विरोध समाजवादियों को रास नहीं आया और वाल्मीकियों पर कार्यवाही की मांग करते हुए जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रामपुर डीएम ने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए 85 वाल्मकियों के खिलाफ सिविल लाइन्स थाने में मुकदमा ठोक दिया।
इसका विरोध हुआ और पीड़ित वाल्मीकियों ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करते हुए 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस के मौके पर सामूहिक रूप से इस्लाम कबूल करने की घोषणा कर दी। आरोप था कि नगर पालिका के एक अधिकारी ने उनसे धमकाते हुए कहा है कि अगर मुसलमान बन जाओगे तो शायद मकान टूटने से भी बचेंगे और आजम के कहर से भी बचोगे।
विरोध कर रहे दलित समाज के इन लोगों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर और शबनम हाशमी भी रामपुर पहुंचीं। मामले में चौतरफा घिरे रामपुर जिलाधिकारी सीपी त्रिपाठी ने बैकफुट पर आकर प्रेस नोट जारी किया जिसमें आंदोलनकारियों को जबरन मकान न तोड़े जाने का आश्वासन दिया गया। डीएम के इस नोट की वाल्मीकि समाज ने बैठक कर निंदा की और धर्मपरिवर्तन के निर्णय पर कायम रहने की घोषणा की।
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