लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने चालू वित्तीय वर्ष में सघन गन्ना विकास कार्यक्रम के लिए 1700 लाख रुपये अनुदान के रूप में व्यय करने का लक्ष्य रखा है।

इस कार्यक्रम के तहत आधार पौधशालाधारकों को क्षेत्रफल के आधार पर अनुदान न देकर बीज वितरण पर अनुदान दिया जायेगा जिसके तहत आधार पौधशाला के लिए ं 50 रुपया प्रति कुन्तल की दर से दो लाख कुन्तल बीज वितरण किया जायेगा। इस कार्य पर कुल 100 लाख रुपये का व्यय अनुमानित है। इसी कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राथमिक पौधशालाधारकों  को 25 रुपये प्रति कुन्तल की दर से बीज अनुदान दिया जायेगा और 10 लाख कुन्तल बीज वितरण के लिए 250 लाख रुपये व्यय किये जाने का अनुमान है। 

बीज यातायात कार्यक्रम के तहत केन्द्रक बीज यातायात पर 15 रुपया प्रति कुन्तल की दर से 10000 कुन्तल के लिए 1.50 लाख रुपये एवं आधार बीज यातायात के लिए दो लाख कुन्तल बीज पर सात रुपये प्रति कुन्तल की दर से 14 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे। इसी कार्यक्रम के तहत बीज एवं भूमि उपचार के लिए 1.125 लाख हेक्टेयर के उपचार का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 500 रुपये प्रति हेकटेयर की दर से अनुदान दिया जायेगा जिस पर कुल 562.50 लाख रुपये के व्यय का अनुमान है। इसी प्रकार पेड़ी प्रबन्धन कार्यक्रम के लिए 150 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जायेगा जिस पर 1.126 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के सापेक्ष 169 लाख रुपये व्यय होगा एवं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए जैव उर्वरक तथा वर्मी कम्पोस्ट का 1.005 लाख हेक्टेयर में प्रयोग करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 600 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान देने पर 603 लाख रुपये व्यय आयेगा।

उल्लेखनीय है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में जिला सेक्टर का अनुदान भी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान कर दिया गया है, जिससे कृषकों में किसी तरह का भ्रम न हो तथा उनमें रूचि का अभाव न हो एवं औसत उपज के लक्ष्यों को भी प्राप्त किया जा सके।