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धोखा देने से बाज आए सरकार: रामराज दुबे

आक्रोषित चतुर्थ श्रेणी कार्मिकांें ने निकाली विशाल रैली

लखनऊ। प्रदेश  के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सरकार की उपेक्षा से नाराज है अपनी 22 सूत्रीय मांग पत्र पर 25 मार्च से प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने आज राजधानी जोरदार प्रदर्शन करते हुए प्रान्तीय रैली निकाली। रैली को सम्बोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि 22 सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए हम लगातार क्रमिक आन्दोलन कर रहे है लेकिन सरकार के कान में जू तक नही रेंग रही है। सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व जो वायदें किए थे उन्हें भी पूरा नही किया जा रहा है। सरकार की धोखे बाजी के खिलाफ अब हम हड़ताल और जेल भरो आन्दोलन का निर्णय ले चुके है। शीघ्र ही उच्चाधिकार समिति की बैठक में जेलभरो और हड़ताल की तिथि घोषित कर दी जाएगी। इस दौरान  अखिल भारतीय राज्य सरकारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.गणेशन और संचालन उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने चतुर्थ श्रेणी कर्मिकांें की भर्ती कराने,पुरानी पेंशन बहाली, आऊट सोसिंग और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती पर लगी रोक को हटाने के लिए दिल्ली में अतिशीघ्र  रैली घोषणा की। 

रैली और प्रदर्शन का संचालन करते हुए महामंत्री जगदीश  सिंह कहाकि चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की वर्षों से लम्बित 22 सूत्रीय मांग पत्र पर विस्तार से चर्चा के उपरान्त क्रमिक एवं वृहद आन्दोलन का निर्णय लिया गया था। क्रमिक आन्दोलन के रूप में 25 फरवरी से आज 10 अप्रैल प्रदर्शन हो चुका है, इसके बावजूद सरकार का रूख सरकारी सेवा के सबसे निचले तबके प्रति संवेदनशील नही है अतः अब हमारे संवर्ग को अपने हितों की रक्षा के लिए हड़ताल पर जाना मजबूरी बन चुका है।

प्रान्तीय रैली सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ कर्मचारी नेता  भारत सिंह यादव, कहा कि प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सबसे ज्वलंत समस्या यह है कि वर्षों से इस संवर्ग में भर्ती न करके करके सरकार संविदा प्रणाली को बढ़ावा देकर इस संवर्ग को समाप्त करने का कुचक्र रच रही है। चतुर्थ श्रेणी समूह घ के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती कराई जाए तथा संविदा प्रणाली को समाप्त किया जाए। प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन संशोधन/उच्चीकरण का लाभ बैण्ड एक रुपये 5200-20200 एवं ग्रेड वेतन 1800 वर्ष 2006 काल्पनिक रूप से अनुमन्य कराते हुए वास्तविक लाभ 8 सितम्बर 2010 से दिया गया है इसे केन्द्र सरकार की भाॅति एक जनवरी 2006 से वास्तविक लाभ दिया जाए। वर्दी भत्ते को लेकर किए गए वर्गीकरण को समाप्त करते हुए प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों को वर्दी भत्ता दिया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर करते हुए पदोन्नति कोटा 50 प्रतिशत किया जाए। आशा कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए और जब तक उन्हें राज्य कर्मचारी न घोषित किया  जाए तब तक मासिक मानदेय 15000 रूपये दिया जाए। मिड डे मील कार्मिकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दियाए जाए। पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत सफाईकर्मिकों को ग्राम प्रधानों के नियंत्रण से मुक्त किया जाए।

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