नई दिल्ली: मजलिस उलेमा हिंद द्वारा जंतर मंतर नई दिल्ली में एक कैंडल मार्च सऊदी अरब द्वारा यमन पर किए जा रहे हवाई हमलों के खिलाफ निकाला गया। इस अवसर पर शिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहसिन तकवी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यमन में सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के हमले तुरंत बंद होना चाहिए। उन्होने पूरे मध्य पूर्व में जारी युद्ध के वातावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे हालात में क्षेत्र में एक और युद्ध लादना दुर्भाग्यपूर्ण है।

 प्रदर्शनकारियों को मजलिस उलेमा हिंद के सचिव मौलाना शेख़ मोहम्मद असकरी ने कहा कि यमन के मामले को पश्चिमी मीडिया और खुद सऊदी अरबिया जातीय आधार प्रदान करके वैश्विक मुसलमानों के बीच जातीय घृणा को हवा देना चाहते हैं जबकि सऊदी अरब दुनिया में कभी सन्नी लोगों के समर्थन में नहीं आया जिसकी मिसाल खुद फिलिस्तीन और म्यांमार हैं। अगर सऊदी अरब नीति सुन्नी समर्थक होती तो वह गाजा हमले के खिलाफ इजरायल पर हमला करता लेकिन इतिहास गवाह है कि सऊदी हमेशा अमेरिकी और इजरायली हितों को इस्लामी जगत पर प्राथमिकता दी है। इस अवसर पर युवा क्रांति के अध्यक्ष अभिमन्यु कोहार ने भी  संबोधित करते हुए कहा कि आज यमन में जो हालात हैं वे मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है और उन हालात पर मोदी सरकार की चुप्पी दुखद हेण् कैंडल मार्च के संयोजक मौलाना जालाल हैदर नकवी ने हमले बंद किए जाने की मांग करते हुए कहा कि पश्चिम और अरब देश इजरायल की सुरक्षा के लिए पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में धकेल चाहते हैं । कैंडल मार्च  की समाप्ति पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नाम एक मेमोरैण्डम भेजा गया।