इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज चेताया कि अगर उसके करीबी सहयोगी सउदी अरब की क्षेत्रीय अखंडता पर कोई खतरा पैदा होता है तो वह इसका ‘कड़ा जवाब’ देगा। इस्लामाबाद ने हालांकि संघर्षरत यमन में हवाई हमले कर रहे सउदी अरब के सैनिक सहयोग के आग्रह पर कोई फैसला नहीं किया।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यमन संकट की समीक्षा के लिए आज एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि मंडल के रियाद में सउदी नेताओं से इस मुद्दे पर बात करके लौटने के बाद यह बैठक बुलाई गई थी। कल रात सउदी अरब के दौरे से लौटे रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सउदी अधिकारियों से उनकी मुलाकात और चर्चा से अवगत कराया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पाकिस्तान सउदी अरब पर किसी भी तरह के खतरे की स्थिति में उसके साथ खड़ा होगा। बैठक में फैसला हुआ कि पाकिस्तान और सउदी अरब के लोगों के बीच करीबी ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंधांे को देखते हुए इस बात की फिर से पुष्टि की जाती है कि सउदी अरब की क्षेत्रीय अखंडता पर किसी तरह के खतरे पर पाकिस्तान का कड़ा जवाब होगा।

बैठक में कहा गया कि संबंधित अधिकारी इस बारे में अपने सउदी समकक्षों से संवाद बनाए रखेंगे। हालांकि पाकिस्तान ने इस महत्वपूर्ण विषय पर कोई फैसला नहीं किया है कि सउदी अरब के आग्रह के तहत यमन में शिया हुथी विद्रोहियों से निबटने के लिए सैनिक भेजे जाएं या नहीं।

एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ और सरकार ने इस मामले को संसद ले जाने का फैसला किया। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सोमवार छह अप्रैल को संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर राष्ट्रीय महत्व के इस विषय पर चर्चा कराने की सलाह दे रहे हैं।