घटना के पीछे जमीनी रंजिश, पुलिस की लापरवाही से घटित हुयी घटना

सुघर सिंह 

सैफई (इटावा) सैफई थाना क्षेत्र के अन्र्तगत ग्राम पिडारी में जमीनी रंजिश में नामजदों ने एक वृद्व की फावड़ा से हत्या कर दी बचाव करने आये एक महिला व पुरूष को भी गम्भीर घायल कर दिया। दो गम्भीर घायलो को सैफई के मिनी पीजीआई में भर्ती कराया गया है।

थाना सैफई में सुरेन्द्र सिहं पुत्र घनश्याम सिहं निवासी पिडारी ने गोकुल सिहं, व उनके पुत्रो अनिल कुमार व संजीव कुमार के विरूद्व मु0अ0स0 50/15 धारा 302, 307, 504 के तहत दर्ज कराया है। थाने में दर्ज करायी गयी रिर्पोट में सुरेन्द्र सिहं ने बताया आज सुवह लगभग 8 बजे गाॅव के गोकुल सिहं व उसके पुत्र अनिल, संजीव जमीन की रंजिश को लेकर मेरे घर पर गाली गलौज करने लगे। मेरे पिता घनश्याम सिहं उम्र 75 वर्ष ने उनको समझाने की कोशिश की पर नही माने जैसे ही मेरंे पिता पेशाव करने गये तो अनिल कुमार व अन्य ने मेेरे पिता घनश्याम सिहं की फावडा़ से हत्या कर दी वीच बचाव करने आये गाॅव के रतीराम व विधावती को भी फावड़ा मारकर गम्भीर घायल कर दिया। पुलिस ने मौके पर जाकर घायलो को अस्पताल में भर्ती कराया और फरार नामजदो को गिरफ्तार करने के लिये कई जगह दबिस दी लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई पकड़ा नही जा सका। 

कही पुलिस की लापरवाही तो हत्या की बजह नही

सैफई (इटावा) आखिर क्या कारण रहा कि अनिल कुमार को यह कदम उठाना पड़ा कि उसने तावडतोड प्रहार करके वृद्व की जान ले ली। यही नही बीचबचाब करने आये दो अन्य को भी गम्भीर घायल कर दिया। इस पूरे मामले में दोनो पक्ष चुप्पी साधे है कोई भी मुॅह खोलने को तैयार नही है हत्या करने वाले गोकुल सिहं का कहना है कि हमारे पुत्र अनिल कुमार का एक साल से मानसिक संन्तुलन ठीक नही है इसलिये उसने यह घटना कर दी इस घटना से हमारा और हमारे पुत्र संजीव का कोई लेना देना नही है। जब कि मृतक पक्ष के लोगो का कहना है कि मेरे परिजन की हत्या जमीनी रेजिश को लेकर की गयी है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होने जमीन के मामले में कोई शिकायत की है तो उन्होने मना कर दिया। जब कि गोपनीय जानकारी मिली है कि जमीन की यह रंजिश कई साल से चल रही है इस मामले में दोनो पक्षो द्वारा थाने में प्रार्थनापत्र दिये लेकिन हल्का इंचार्ज आशाराम ने इस प्रकरण में कोई ठोस कार्यवाही नही की जिसकी बजह से इतनी बड़ी घटना घटित हो गयी। अगर सैफई थाने की पुलिस ने इस घटना को गम्भीरता से लिया होता तो यह घटना टल सकती थी। दोनो पक्षो ने इस घटना से पहले पूर्व थानाध्यक्ष राजकुमार यादव को कई प्रार्थनापत्र दिये गये थे लेकिन पूर्व थानाध्यक्ष राजकुमार यादव व हल्का इंचार्ज आशाराम ने कोई कार्यवाही नही की