लखनऊ: जल, जमीन, जंगल और जीवन के महत्व को सीधी साधी रोजमर्रा की बातों में किसानों तक पहॅंुचाने हेतु पानी पत्रिका सेतु का काम करती है। यह बात प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन  दीपक सिंघल ने आज बापू भवन स्थित अपने कक्ष में पैक्ट की पत्रिका पानी एवं सहभागी सिंचाई प्रबन्धन मैनुअल का विमोचन करते हुए कही।

श्री सिंघल ने प्रदेश  के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव के संकल्प ‘‘हर खेत को मिले समय से पानी, नहरें बने जीवन दायिनी’’ को दोहराते हुए कहा कि हम सब का यह नैतिक दायित्व है कि इसका अक्षरतः अनुपालन करें साथ ही सरकार की प्राथमिकताओं एवं जन कल्याणकारी योजनाओं को समय से पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभायें।

प्रमुख सचिव ने सहभागी सिंचाई प्रबन्धन की उपयोगिता पर प्रकाश  डालते हुए कहा कि इस योजना के द्वारा किसान सहभागिता के आधार पर जल-संसाधनों का मुक्त रूप से उपयोग कर सकते हैं। श्री सिंघल ने कहा जल उपभोक्ता समितियों और सहभागी सिंचाई प्रबन्धन व्यवस्था के लिए उ0प्र0 सहभागी सिंचाई प्रबन्धन नियमावली-2010, के अन्तर्गत निर्मित यह निर्वाचन मैनुअल इस दिषा में वरदान सिद्व होगा। 

अपने विचार व्यक्त करते हुए सिंचाई एवं जल-संसाधन सचिव एवं अध्यक्ष, पैक्ट \एम0पी0 अग्रवाल ने कहा कि पानी पत्रिका हर किसान के सुख-दुख की पाती के रूप मंे उनके दुख-दर्दों को बांटती है। यह पत्रिका मित्र व मार्ग-दर्शक  की भूमिका भी अदा करती है। श्री अग्रवाल ने कहा सहभागी सिंचाई प्रबन्धन ने परियोजना के प्रथम चरण में उल्लेखनीय कीर्तिमान स्थापित किये हैं। प्रथम चरण के 7 सिंचाई खण्डों में 8858 कुलाबा समितियों, 802 अल्पिका समितियों तथा 28 रजवहा समितियों का गठन कर अल्पिकाओं एवं रजवहों का सिंचाई प्रबन्धन सम्बन्धित समितियों को हस्तांतरित कर दिया गया है। द्वितीय चरण के 16 जनपदों में यह कार्य प्रगति पर है।