नई दिल्ली: मजलिस उलेमा ए हिंद के संयुक्त सचिव मौलाना जलाल हैदर नकवी ने सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के यमन हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि जब फिलिस्तीन और म्यांमार में मुसलमानों का खून बहाया जाता है तब सऊदी सम्मान को क्या हो जाता है गाजा के मज़लूमों के समर्थन में सऊदी अरब ने कभी क्यों आवाज नहीं उठाईए यमन जैसे कमजोर और गरीबी देश पर हमला करना सऊदी अरब इजरायली नीति को स्पष्ट करता है इससे पता चलता है कि आले सऊद के यहूदियों से रिश्ते कितने गहरे है। मौलाना ने कहा कि यमन के अंसार अल्लाह अपने अधिकारों की आवाज बुलंद की है कि किसी भी तरह मिस्र और ट्यूनीशिया से अलग नहीं है सऊदी अरबिया को चाहिए कि इसराइल पर हमला करके अपने मान को दुनिया के सामने पेश करेए और जिस दिन सऊदी दीन फिलिस्तीनियों का समर्थन करेगा हम भी उसके कदम की प्रशंसा करेंगे लेकिन ऐसा होना ना मुमकिन है क्योंकि सऊदी हमेशा इस्राइली हितों के लिए काम करता रहा है। मौलाना जलाल हैदर नकवी ने उलेमा और बुद्धिजीवियों से अपील की है कि वे इस समस्या मूल प्रकृति से दुनिया को परिचित कराएं ताकि पूरे इस्लामी जगत को शिया और सुन्नी की आग में धकेल की कोशिश करने वाले सऊदी अरब की महत्वाकांक्षा असफल होए मौलाना ने कहा कि सऊदी अगर सुन्नी मुसलमानों का हितैषी होता तो वह इस्राएल और म्यांमार में सैनिक कार्रवाई करता लेकिन कभी ऐसा नहीं किया बल्कि उसके विपरीत हमेशा मुसलमानों के खिलाफ ही नीति रखीए मौलाना ने कहा कि अब समय आ गया है कि सऊदी अरब की नापाक महत्वाकांक्षा को दुनिया के सामने पेश किया जाए और इस्लामी जगत से सऊदी ठेकेदारी को समाप्त किया जाए और यमन जैसे कमजोर देश के समर्थन में आवाज उठाई जाए।