नई दिल्ली : विभिन्न देशों की सरकारों के भारी दबाव के बीच गैरकानूनी कोष पर अपनी स्थिति साफ करने के इरादे से स्विस बैंकों ने अपने भारतीय ग्राहकों से कहा है कि वे नया हलफनामा दे ताकि यह सुनिश्चित हो कि उनके खातों में कर चोरी का पैसा नहीं है।

स्विस बैंकों के लंबे समय से गैरकानूनी धन की सुरक्षित पनाहगाह माना जाता रहा है। इन बैंकों ने भी अधिक नेटवर्थ वाले व्यक्तियों और कापरेरेट ग्राहकों से लेखा-परीक्षकों का प्रमाणपत्र की मांग शुरू कर दी है ताकि उनके धन पर स्थिति स्पष्ट हो सके।

यह नई पहल उस वक्त हुई है जबकि भारत अपने नागरिकों द्वारा विदेश में जमा गैरकानूनी धन वापस लाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है और स्विट्जरलैंड ने भी इस मुद्दे पर सहयोग करने के लिए सहमति जताई है।

सूत्रों ने कहा कि स्विस बैंक अपने भारतीय ग्राहकों से नया हलफनामा पेश करने के लिए कह रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि उन्होंने इन खातों में जो राशि जमा की है उन पर कर का भुगतान हो चुका है।

सूत्रों के मुताबिक बैंक कापरेरेट और व्यक्तिगत दोनों किस्म के ग्राहकों से लेखा-परीक्षक प्रमाणपत्र पेश करने के लिए कर रहे हैं जिसमें यह सत्यापित हो कि उनके खाते से जुड़े धन, परिसंपत्ति अैर आय से जुड़ी स्थिति साफ रहे

उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि ऐसे निर्देश उच्च नेटवर्थ वाले व्यक्तियों, संपत्ति प्रबंधकों और पोर्टफोलियो प्रबंधन ग्राहकों को जारी किए गए हैं। एचएसबीसी और क्रेडिट सुइस समेत प्रमुख बैंकों से इस संबंध में कुछ सवाल पूछे गये थे लेकिन उनसे तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

भारत सरकार कुछ साल पहले फ्रांसिसी सरकार से गैरकानूनी धन रखने वालों की सूची प्राप्त करने के बाद अपने नागरिकों से जुड़े मामले को आगे बढ़ा रही है जिन्होंने एचएसबीसी स्विट्जरलैंड में गैरकानूनी धन रखा था।

सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने एचएसबीसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कहा कि संदिग्ध कर चोरों और कर अपराध करने के मामले में सहयोग नहीं करने के मामले में कार्रवाई क्यों न की जाए।

इसके अलावा एचएसबीसी की स्विस शाखा में कथित तौर पर गैरकानूनी धन जमा करने वाली हजारों इकाइयों के खुलासे के बाद से बैंक भारत समेत कई देशों में नियामकीय जांच के घेरे में आ गया है।

काले धन पर लगाम लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल विभिन्न मामलों की जांच कर रहा है जबकि सरकार ने विदेश में गैरकानूनी धन जमा करने वालों पर भारी जुर्माना और कैद की सजा का प्रावधान करने की दिशा में पहल की है।

हाल ही में वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा था कि काला धन रखने वालों की एचएसबीसी बैंक की सूची में शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई की कोशिश की जा रही है और उन सबके खिलाफ सबूत हैं। एचएसबीसी की सूची में 628 नाम हैं।